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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अजमेर कांग्रेस में सुस्ती

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद स्थिति ऐसी उलट हुई की शहर कांग्रेस की कमान संभालने वाले नेता कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर हार के कारणों की समीक्षा करने को भी कतरा रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 12:48 PM (IST)
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अजमेर कांग्रेस में सुस्ती
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अजमेर कांग्रेस में सुस्ती

अजमेर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद भले ही उच्च स्तर पर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ हो और कांग्रेस पार्टी में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है लेकिन अजमेर शहर कांग्रेस में तो पूरी तरह सुस्ती पसरी हुई है।

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शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन व देहात कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ जिस स्तर पर सक्रियता दर्शा रहे थे उससे तो लग रहा था कि कांग्रेस ने सांसद के अजमेर उपचुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव में जो परचम प्रदेश में लहराया है लोकसभा चुनाव के बाद अजमेर कांग्रेस का तो निश्चित ही पुनर्जन्म हो जाएगा।

किन्तु परिणाम आने के बाद तो स्थिति ऐसी उलट हुई की शहर कांग्रेस की कमान संभालने वाले नेता कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर हार के कारणों की समीक्षा करने को भी कतरा रहे हैं। अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने आठों सीटों पर करारी हार झेली है। भाजपा के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला को करीब 4 लाख 16 हजार वोटों से हाराया।

इतनी करारी हार के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला ने कांग्रेस के पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं पर सवाल नहीं उठाए और न ही किसी पर हार का ठीकरा फोड़ा, जबकि रिजु ने चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च किए। इसके बाद भी शहर व देहात कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बैठक बुलाकर हार पर कोई चिंतन तक नहीं कर सके।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के दोनों अध्यक्षों को हार की समीक्षा के लिए अपने स्तर पर बैठक बुलाकर भी समीक्षा करनी चाहिए। बताया जा रहा है बैठक इसलिए नहीं की जा रही है कि कहीं कार्यकर्ता हार का ठीकरा दोनों अध्यक्षों पर ही न फोड़ दे। पार्टी सूत्रों की मानें तो चुनाव में दोनों ही अध्यक्ष प्रत्याशी के इर्द गिर्द घूमते रहे और चुनाव की कमान संभालने में अपनी भूमिका निभाते रहे। शहर व देहात अध्यक्ष बैठक करने में आखिर क्यों कतरा रहे हैं और क्यों जिम्मेदारी से दूर भाग रहे हैं, यह तो फिलहाल कहा नहीं जा सकता जबकि पार्टी के कुछेक कार्यकर्ता शहर व देहात की सयुंक्त बैठक की आवाज उठा चुके हैं।

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बलराम शर्मा व शैलेश गुप्ता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को अपना इस्तीफा भी भेज चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया का भी अजमेर का दौरा नहीं हुआ है। ऐसे में प्रभारी मंत्री भी हार की समीक्षा नहीं कर सके।अलबत्ता चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला ने जरूर अजमेर की जनता के आदेश को स्वीकार कर कांग्रेस समर्थकों द्वारा उन्हें दिए मतसमर्थन के प्रति आभार जरूर दर्शाया था।

विधानसभा में छह सीट हारे

विधानसभा चुनाव के दौरान जिले में छह सीटों पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस सिर्फ मसूदा व केकड़ी ही सीट जीती थी। अजमेर शहर की दोनों सीटों तथा पुष्कर, ब्यावर, नसीरबाद व किशनगढ़ सीट पर कांग्रेस बुरी तरह से चुनाव हारी थी। जिस पर शहर अध्यक्ष विजय जैन तथा देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ की कार्यशैली पर सवाल उठे। विधानसभा के बाद कांग्रेस लोकसभा की आठों सीटे हार गई। इसको लेकर दोनों ही अध्यक्षों पर तलवार लटकी हुई नजर आ रही है। 

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