Rajasthan : यात्रीभार बढ़ाने के लिये एयरलाइंस कंपनियों ने अपनाया पूलिंग सिस्टम, घाटा कम करने का प्रयास
कोरोना काल में यात्रीभार के लिये जूझ रही एयरलाइंस कंपनियों ने दशहरे और नवरात्रा के मौके को भुनाने व अपने घाटे की पूर्ति के लिये आपसी प्रतिस्पर्धा को छोड़ दिया है। यात्रीभार बढ़ाने के लिये एयरलाइंस कपंनियों ने अपनाया पूलिंग सिस्टम।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में यात्रीभार के लिये जूझ रही एयरलाइंस कंपनियों ने दशहरे और नवरात्रा के मौके को भुनाने व अपने घाटे की पूर्ति के लिये आपसी प्रतिस्पर्धा को छोड़ दिया है। इसके तहत एयरलाइंस कपंनियों ने अघोषित रूप से पूलिंग सिस्टम को अपना लिया है। इस सिस्टम से यात्रियों को अब दशहरे और नवरात्रा पर कम दामों में टिकट मिलने के आसार हैं।
कोरोना काल में एयरलाइंस कंपनियां लगातार यात्रियों के लिए तरस रही थी। यही कारण है कि देश के सभी एयरपोर्ट पर रोजाना फ्लाइट्स रद्द होने का सिलसिला आम हो रहा है। अगले दो-तीन माह त्यौहारों का सीजन है। दशहरे,नवरात्रा व दिवाली पर लोग अपने घरों की तरफ लौटना चाहेंगे। इसी मौके का लाभ उठाने और यात्रियों को आकर्षित करने के लिहाज से एयरलाइंस कंपनियों ने पूलिंग सिस्टम को अपनाया है। हालांकि इस सिस्टम को अनपाने के लिये कंपनियों ने कोई लिखित करार नहीं किया है। लेकिन अगर त्योहार के एक दिन पहले की ऑन लाइन टिकट बुकिंग की रेट्स देखी जाए तो उनकी इस योजना का खुलासा हो जायेगा।
सभी का किराया लगभग एक जैसा
दरअसल, कोरोना काल से पहले अगर किसी यात्री को जयपुर से कोलकाता जाना होता था तो इसके लिए अलग अलग एयरलाइंस कंपनियों का किराया अलग-अलग हुआ करता था। मसलन इंडिगो जयपुर से कोलकाता के 5 हजार लेती थी, स्पाइसजेट 4500 और एयर एशिया 3 हजार।
यात्री उसी एयरलाइंस से सफर करता था जिसकी टिकट सस्ती होती थी, लेकिन अब यात्री किसी भी एयरलाइंस से किसी भी शहर के लिए टिकट लेंगे तो सभी का किराया एक जैसा रहेगा। ये व्यवस्था भी एयरलाइंस कंपनियों ने घाटापूर्ति के लिए की है। अगर त्यौहार से ठीक एक दिन पहले की तारीख पर ऑनलाइन टिकट की बुकिंग देखें तो पता चलेगा कि सभी एयरलाइंस कंपनियों ने किराया कमोबेश एक जैसे ही रखा हैं।
16 अक्टूबर को नवरात्रि स्थापना है और जयपुर से अलग अलग एयरलाइंस की 5 फ्लाइट कोलकाता के लिए उड़ान भरती हैं। इन में से गो-एयर का किराया 5378, इंडिगो की तीनों फ्लाइट का किराया 5380 और स्पाइसजेट का किराया भी उसी तारीख को 5380 रुपये ही रखा गया है। दुर्गाष्टमी से एक दिन पहले सभी एयरलाइंस का किराया किसी भी शहर में जाने के लिए एक जैसा ही है।
कोरोना काल में घरेलू उड़ानें शुरू होने के बाद से ही लगातार यात्रीभार में कमी देखी जा रही थी। शुरूआती दिनों में दर्जनों फ्लाइट्स रोज रद्द हो रही थी, हालांकि सितंबर महीने में यात्रीभार में भी बढ़ोतरी हुई और फ्लाइट्स का शिड्यूल भी बढ़ाया गया है। अब त्यौहार के मौके पर यात्रियों को लुभाने की ये कोशिश कितनी कारगर होती ये टिकटों की हाउस फुल बुकिंग होने पर ही पता चल सकेगा ।