बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद सरकार सचेत हुई, वेटलैंड्स से सैंपल लिए गए, 500 से अधिक पक्षियों की मौत
लैब स्थापित करने पर विचार 500 से अधिक पक्षियों की मौत प्रदेश में अब तक बर्ड फ्लू के कारण 550 पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें 500 कौवे शामिल है। मंगलवार को सुबह कोटा में 3 बगुलों के साथ ही 4 कौवे मृत अवस्था में मिले।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में कोरोना महामारी से थोड़ी राहत मिलने लगी थी कि अब पक्षियों की महामारी बर्ड फ्लू फैल गई है। प्रदेश में अब तक बर्ड फ्लू के कारण 550 पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें 500 कौवे शामिल है। मंगलवार को सुबह कोटा में 3 बगुलों के साथ ही 4 कौवे मृत अवस्था में मिले।
बारां, बीकानेर, झालावाड़ सहित प्रदेश के कई हिस्सों में मंगलवार को पक्षी मृत अवस्था में मिले हैं। लगातार 8 दिन से पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है, इनमें कौओं की संख्या अधिक है। मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजिज लैब में भेजे जा रहे हैं । अब तक आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है । राज्य पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में बर्ड फ्लू से हुई मौतों में केवल एच 5 एन्फ्लूएंजा ही मिला है, यह ज्यादा घातक नहीं है। इसका सबसे घातक स्ट्रेन एच 5 एन 1 है । अगर पक्षियों से यह संक्रमण इंसानों में चला जाए तो संकट अधिक बढ़ सकता है। पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने निर्देश दिए हैं कि सैंपल लेने वाले कर्मचारी पीपीई किट अवश्य पहनें।
मीणा ने बताया कि प्रदेश में हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं। पक्षी पालन का भी प्रदेश में बड़ा कारोबार है। इस कारण यहां वेटनरी आरटीपीसीआर लैब की जरूरत है। एक लैब की स्थापना पर करीब 80 लाख रूपए का खर्च आता है। केंद्र सरकार से लैब खोलने की अनुमति मांगी जाएगी। सरकार ने बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं। प्रदेश में विदेशी पक्षियों के आने की अधिक संख्या को देखते हुए सभी वेटलैंड्स से सैंपल लिए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में 6 वेटलैंड्स नोटिफाइड है, इनके अतिरिक्त करीब पांच दर्जन वेटलैंड्स अन्य है जो नोटिफाइड नहीं है।
ये होते हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
पशुपालन विभाग के अधिकारियों व पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार कई ऐसे लक्षण होते हैं,जिनके आधार पर बर्ड फ्लू की पहचान होती है। इनमें पक्षियों में तेज जुकाम होती है, नाक व आंख में से पानी आता है। अंडा देने में कमी आ जाती है। पक्षी सुस्त होकर खाना-पीना बंद कर देते हैं। पक्षियों के सिर व गर्दन में सूजन आ जाती है। पक्षी बेहाल होकर गिर जाते हैं, जिससे बर्ड फ्लू का रोग इंसानों में फैलने का खतरा रहता है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सांभर झील में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई थी।