Rajasthan: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत
Ashok Gehlot राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव तक पहुंच चुका है। सीएम के खिलाफ शिकायत की गई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Ashok Gehlot: राजस्थान की तीन सीटों पर पिछले माह हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा संख्या 47/2020 में दो लोगों को नामजद किया गया है। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के परिवाद की प्रारंभिक जांच के बाद इसे सही मानते हुए कुछ मोबाइल नंबर भी एसओजी ने ट्रेस किए हैं। एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ के निर्देशन में जांच हो रही है। राठौड़ ने नामजद लोगों के नाम बताने से इन्कार करते हुए कहा कि जांच के दौरान अधिकारिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।
दरअसल, जोशी ने एसओजी और राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में परिवाद दर्ज किया था कि भाजपा के कुछ लोग कांग्रेस विधायकों से खरीद-फरोख्त के लिए संपर्क कर रहे हैं। उधर, खरीद-फरोख्त का मामला विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव तक पहुंच चुका है। भाजपा के 10 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है। भाजपा के चार विधायकों रामलाल शर्मा, अशोक लाहोटी, सुभाष पूनिया व निर्मल कुमावत ने यह शिकायत शुक्रवार को विधानसभा सचिव को सौंपी। इससे पहले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा सचिव को सौंपा था। अब दोनों मामलों में विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है या नहीं यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को करना है।
मुख्यमंत्री के बयान को किया गया कोट
भाजपा की शिकायत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 35 करोड़ वाले बयान को कोट किया गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान सीएम गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश के बाद भाजपा व केंद्र सरकार राजस्थान में सरकार गिराने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को 35 करोड़ रुपये तक का लालच दिया जा रहा है।
सतीश पूनिया के खिलाफ यह शिकायत दी गई
कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय संयम लोढ़ा ने सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत 21 जून को दी थी। इसमें लोढ़ा ने पूनिया के उस बयान को कोट किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि समर्थन के बदले निर्दलीय व अन्य दलों के 23 विधायकों को गहलोत सरकार ने वोट के बदले खान,रीको में प्लॉट व कैश ट्रांजेक्शन किया था।