Cow Dung : कुवैत के बाद अब शारजाह भेजा जाएगा गाय का गोबर, भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के प्रयास रंग लाए
Cow Dung प्रदेश में 3525 पंजीकृत गौशालाओं में करीब 12 लाख गौवंश है। यह माना जाता है कि एक गाय एक घंटें करीब दस किलोग्राम गोबर करती है। इस लिहाज से पंजीकृत गौशालाओं में नौ करोड़ 40 लाख किलो से ज्यादा गोबर प्रतिदिन होता है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। कुवैत के बाद अब शारजाह ने भी एक हजार मीट्रिक टन गाय के गोबर की मांग की है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शारजाह के वैज्ञानिकों ने गाय के गोबर को बेहद फायदेमंद बताया तो राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला को एक हजार मिट्रिक टन गाय का गोबर भेजने का आर्डर मिला है। अगस्त महीने के अंत तक सनराइज कंपनी के माध्यम से गोबर भेजा जाएगा। शुरूआती दौर में पिंजरापाल गौशाला से गोबर शारजाह भेजा जाएगा। उसके बाद प्रदेश के बाड़मेर, टोंक, कोटा और जैसलमेर जिलों से भी गोबर एकत्रित कर के शारजाह भेजा जाएगा।
भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के अध्यक्ष डॉ.अतुल गुप्ता का कहना है कि खाड़ी देशों को भी अब गाय के गोबर की उपयोगीता समझ में आई है। पहले कुवैत 192 मिट्रिक टन से ज्यादा गोबर भेजा गया था। अब शारजाह से एक हजार मिट्रिक टन की मांग आई है। जैविक खेती से जुड़े विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि एक एकड़ जमीन को जैविक भूमि में बदलने के लिए करीब तीन हजार किलोग्राम गोबर की जरूरत होती है। प्रदेश में एक करोड़ चालीस लाख गाय है।
वहीं, प्रदेश में 3,525 पंजीकृत गौशालाओं में करीब 12 लाख गौवंश है। यह माना जाता है कि एक गाय एक घंटें करीब दस किलोग्राम गोबर करती है। इस लिहाज से पंजीकृत गौशालाओं में नौ करोड़ 40 लाख किलो से ज्यादा गोबर प्रतिदिन होता है। गुप्ता का कहना है कि पंजीकृत गौशालाओं को तो सरकार अनुदान देती है। लेकिन गैर पंजीकृत गौशालाएं हमेशा आर्थिक संकट में रहती है। ऐसे पहले पंजीकृत और फिर दूसरे चरण में गैर पंजीकृत गौशालाओं से गोबर खरीद कर खाड़ी देशों में भेजा जाएगा।
गौशाला संचालकों से बातचीत की जा रही है। राजस्थान के अतिरिक्त मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र,तेलंगाना और गुजरात की गौशाला संचालकों से भी बातचीत जारी है। भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ कुवैत और शारजाह के बाद अब अन्य देशों से भी संपर्क साध रहा है।