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राजस्थान को 2025 तक टीबी रोग मुक्त बनाने की कार्य योजना तैयार

Rajasthan राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने बताया कि टीबी की जांच के लिए सरकार के पास वर्तमान में 60 सीबी नाट व 60 सीबी टू नाट मशीनें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक मशीनों की आउटसोर्सिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 08:23 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 08:23 PM (IST)
राजस्थान को 2025 तक टीबी रोग मुक्त बनाने की कार्य योजना तैयार
राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान को साल, 2025 तक टीबी रोग मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर टीबी के मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद उनका उपचार प्रारंभ किया जाएगा। टीबी के मरीजों का सही तरीके से इलाज हो, इसके लिए मानिटरिंग की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी। राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने वीरवार को बताया कि टीबी की जांच के लिए सरकार के पास वर्तमान में 60 सीबी नाट व 60 सीबी टू नाट मशीनें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक मशीनों की आउटसोर्सिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ वर्चुअल चर्चा में डा. शर्मा ने कहा कि टीबी रोगियों के चिन्हीकरण का काम वैसे तो 2017 से ही अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अब इसे और अधिक गति दी जाएगी, जिससे 2025 तक राज्य में टीबी रोग से पूरी तरह से मुक्त हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 72 हजार मरीज टीबी का इलाज करवा रहे हैं। टीबी के मरीजों को निश्चय पोषण योजना के तहत 500 की नकद राशि प्रतिमाह दी जाती है। डा. शर्मा ने कहा कि राज्य में 18 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन प्रतिदिन लगाने का आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने मंडाविया से क्षमता के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।

इधर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान खोल दिए गए हैं। कोविड महामारी के कारण लंबे समय से शैक्षणिक संस्थान बंद होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि शिक्षण संस्थानों के संचालन के लिए जारी की गई एसओपी की सख्ती से पालना करें। यदि एसओपी व कोविड प्रोटोकाल की पालना नहीं हुई तो पुन: संक्रमण बढ़ने का खतरा है, इसलिए पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य का भी उचित ध्यान रखें व सख्ती से कोविड प्रोटोकाल व एसओपी की पालना सुनिश्चित करें। 


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