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सांवलियाजी के भंडारे में निकली रिकार्ड साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि

चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम श्रीसांवलियाजी मंदिर में सोमवार को चतुर्दशी के अवसर पर भंडार (दानपेटियां) खोले गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 11:36 AM (IST)
सांवलियाजी के भंडारे में निकली रिकार्ड साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि
सांवलियाजी के भंडारे में निकली रिकार्ड साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि

उदयपुर, जागरण संवाददाता। चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम श्रीसांवलियाजी मंदिर में सोमवार को चतुर्दशी के अवसर पर भंडार (दानपेटियां) खोले गए। गत वर्ष के मुकाबले इस बार साढ़े पांच करोड़ की राशि गिनी जा चुकी है। शेष राशि की गिनती मंगलवार को की जाएगी।

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मिली जानकारी के अनुसार इस बाद दो महीने की दान राशि की गिनती की जा रही है। साढ़े आठ बजे तक चली गणना में भंडार से 5 करोड़ 55 लाख 41 हजार 500 रुपए गिने जा चुके हैं, जबकि छह बोरों में भरे नोटों और रेजगारी की गिनती बाकी है। माना जा रहा है कि इस बार छह करोड़ से अधिक राशि बतौर दान में मिली है। यह रिकार्ड बना है। पिछले साल पांच करोड़ 55 लाख 70 हजार रुपए की राशि निकली थी। इस साल मिली राशि में भेंट कक्ष में रखे दान पात्र से एक माह में निकली 26 लाख 63 हजार 758 रुपये  नहीं जोड़ी गई है। भंडार की गणना में श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य निष्पादन अधिकारी मुकेश कलाल, अध्यक्ष कन्हैयादास वैष्णव, सदस्य भैरूलाल सोनी, मदन व्यास, भैरू गाडऱी, प्रशासनिक अधिकारी कैलाश अधिकारी आदि मौजूद थे।

जानकारी के अनुसार श्री सांवलियाजी का दो दिवसीय अमावस्या का मासिक मेला- पहले दिन राजभोग आरती के बाद मंदिर के पुजारियों ने भंडार खोला। शाम तक नकदी की गणना की गई। भंडार से करीब साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि रुपये की नकदी निकली। इसके अलावा अब भी छोटे-बड़े नोटों के अलावा सिक्कों की गणना भी शेष है। मंदिर कार्यालय में इस माह चढ़ावे के रूप में साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि से अधिक की नकदी प्राप्त हुई है।

जानकारी में सामने आया कि भंडार से प्राप्त सोने व चांदी के आभूषण का तोल होना शेष है। मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच चली दानपात्र की गिनती की गई। भंडार खोलने के दौरान श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष, सदस्य,  तहसीलदार, लेखाधिकारी , प्रशासनिक अधिकारी, कैशियर आदि मौजूद थे।


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