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Rajasthan: जयपुर में एक पुजारी ने खुद को लगाई आग, मंदिर खाली करवाने के दबाव से था परेशान

राहगिरों ने पुजारी को ऐसा करते हुए देख लिया जिससे आग को बुझाया गया। आवाज सुनकर मंदिर में रह रहा पुजारी का परिवार भी बाहर आ गया। मूलचंद मान का घर मंदिर के निकट ही है। मालूम हो कि पुजारी 60 फीसदी जल गया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 03:34 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 03:34 PM (IST)
Rajasthan: जयपुर में एक पुजारी ने खुद को लगाई आग, मंदिर खाली करवाने के दबाव से था परेशान
Rajasthan: जयपुर में एक पुजारी ने खुद को लगाई आग, मंदिर खाली करवाने के दबाव से था परेशान

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुरूवार सुबह करीब पांच बजे एक पुजारी ने खुद को आग लगा ली। पुजारी खुद को मंदिर की सेवा-पूजा के काम से हटाए जाने के प्रयास से मानसिक रूप से परेशान था। पुजारी ने मंदिर विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान के घर के बाहर जाकर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और फिर माचिस से आग लगा ली।

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हालांकि राहगिरों ने पुजारी को ऐसा करते हुए देख लिया, जिससे आग को बुझाया गया। आवाज सुनकर मंदिर में रह रहा पुजारी का परिवार भी बाहर आ गया। मूलचंद मान का घर मंदिर के निकट ही है। मालूम हो कि पुजारी 60 फीसदी जल गया है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पुजारी को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां पुजारी की हालत गंभीर बनी हुई है।

विकास समिति के पदाधिकारियों पर आरोप

पुलिस उप अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि शहर के मुरलीपुरा इलाके में शंकर विहार स्थित सार्वजनिक जमीन पर करीब 20 साल पहले लक्ष्मी नारायण मंदिर बना जिसे कालोनी के लोगों ने बनाया था। मंदिर की देखरेख के लिए विकास समिति गठित की गई थी।

विकास समिति ने साल, 2002 में सेवा-पूजा के लिए पं. गिर्राज शर्मा को सेवा-पूजा के लिए रखा था। पिछले कुछ समय से विकास समिति के पदाधिकारियों और पुजारी के बीच विवाद चल रहा था। विकास समिति के पदाधिकारी गिर्राज शर्मा को मंदिर से हटाना चाहते थे । जबकि वह वहीं रहना चाहते थे। करीब एक साल से इस बात को लेकर कई बार सार्वजनिक विवाद भी हुआ ।

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राजधानी जयपुर में एक पुजारी ने खुद को आग लगा ली। पिछले दिनों खनन माफिया के विरोध में संत ने आत्मदाह कर लिया था। वहीं संदिग्ध परिस्थितियों में पुजारियों के शव भी मिले हैं। राजस्थान सरकार का सनातन धर्म विरोधी चेहरा सबके सामने है, जिससे साधु - संतों के विरुद्ध लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। संत-पुजारियों को भयाक्रांत करने के पीछे कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति भी कारण हो सकती है। #Rajasthan - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 18 Aug 2022

अस्पताल में पुजारी ने पुलिस को बताया कि शंकर जोशी, मूलचंद मान, शंकर स्वामी, दिनेश और अशोक झालानी उसे परेशान कर रहे थे। वे मुझे और मेरे परिवार को मंदिर से निकालना चाहते थे। इससे पूरा परिवार कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान था।

पुजारी ने बताया कि गुरूवार सुबह जब सभी स्वजन सो रहे थे तो मैंने खुद पर ज्वलशील पदार्थ डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने बचा लिया। पुजारी की पत्नी चंद्रकांता ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात को उन्होंने गुरूवार सुबह जल्दी गांव जाने के लिए कहा था। घर के सभी सदस्य सो रहे थे और इस बीच उन्होंने खुद को आग लगाने की कोशिश की।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह ने बताया कि आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फटेज लिए गए हैं। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान पुलिस को घर पर नहीं मिले हैं। इन्हीं के घर के सामने पुजारी ने आग लगाई थी। 


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