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बेटे के हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचा 81 साल का पिता

81 वर्षीय रामस्वरूप व्यास अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचे है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 12:48 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 12:48 PM (IST)
बेटे के हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचा 81 साल का पिता
बेटे के हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचा 81 साल का पिता

जयपुर, जागरण संवाददाता। एक पिता के लिए अपने जवान बेटे की अर्थी को कंधा देना बहुत बड़ा दुख माना जाता है। पिता के लिए जवान बेटे की मौत का दुख उस समय और अधिक हो जाता है जब उसके हत्यारे खुलेआम घूम रहे हो। पुलिस हत्यारों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही हो। ऐसा ही एक प्रकरण राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के नोहर निवासी 81 वर्षीय एक बुजुर्ग पिता से जुड़ा हुआ है।

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81 वर्षीय रामस्वरूप व्यास अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचे है। उनके साथ नोहर के प्रमुख प्रमुख नागरिक और ब्राहम्ण समाज के प्रतिनिधि भी पैदल चलकर जयपुर पहुंचे। सोमवार को बुजुर्ग पिता अन्य लोगों के साथ विधानसभा के सामने धरने पर बैठे। करीब दो घंटे तक धरने पर बैठने के बाद क्षेत्रीय विधायक अमित चाचाण उन्हे लेने पहुंचे और अपने साथ विधानसभा तक ले जाकर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल से मुलाकात कराई। धारीवाल ने इस मामले की जांच में गति लाने के लिए एसओजी के अधिकारियों को निर्देश दिए। मृतक के बुर्जुग पिता रामस्वरूप व्यास का कहना है कि यदि हत्यारे की गिरफ्तारी शीघ्र नहीं हुई तो वे खुद कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे।

यह है पूरा मामला

21 महीने पहले रामस्वरूप व्यास के 41 वर्षीय इकलौते बेटे पवन व्यास की नोहर तहसील के जसाना गांव में अटल सेवा केंद्र में निर्मम हत्या कर दी गई थी। रामस्वरूप व्यास ने अपने बेटे के हत्यारे के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन पुलिस हत्यारे को नहीं तलाश पाई। रामस्वरूप व्यास का आरोप है कि उनके बेटे का हत्यारा खुलेआम घूम रहा है और पुलिस उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

रामस्वरूप व्यास ने नोहर में भी 141 दिन तक लगातार पुलिस थाने के बाहर धरना दिया। सरकार ने दबाव में जांच एसओजी को सौंप दी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। मजबूरन पीड़ित पिता स्थानीय लोगों के साथ 350 किलोमीटर पैदल चलकर जयपुर पहुंचे। सोमवार को विधानसभा के बाहर बैठे तो पुलिस महकमें में खलबली जरूर मची। विप्र फाउंडेशन सहित कई संगठनों ने उनके आंदोलन का समर्थन किया है।  


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