Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 6658 नए मामले और 33 मौतें
Coronavirus राजस्थान में अब तक 3042 कोरोना पीड़ितों की मौत होने के साथ ही तीन लाख 87 हजार 950 संक्रमित मिले हैं। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 4976 है। सरकार ने वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus: राजस्थान में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6658 नए संक्रमित मिलने के साथ ही 33 लोगों की मौत हुई है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में यह अब तक का सबसे बड़ी संख्या है। वीरवार को संक्रमितों में सबसे ज्यादा 848 जयपुर, 847 जोधपुर, 711 उदयपुर, 638 कोटा, 258 अजमेर, 361 अलवर, 166 बारां, 332 भीलवाड़ा, 194 बीकानेर, 174 चित्तौड़गढ़,112 दौसा, 239 डूंगरपुर, 131 हनुमानगढ़,121 जालौर,128 झालावाड़, 100 करौली, 247 राजसमंद,146 सवाईमाधोपुर और 145 सीकर जिले में मिले हैं। वहीं, चार मौतें कोटा, अलवर, जयपुर, झालावाड़, उदयपुर व जोधपुर में तीन-तीन,नागौर, पाली में दो-दो व अजमेर, चूरू, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, सिरोही जिलों में एक-एक की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 3042 पीड़ितों की मौत होने के साथ ही तीन लाख 87 हजार 950 संक्रमित मिले हैं। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 49,76 है। सरकार ने वैक्सीनेशन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब तक एक करोड़ 45 लाख 6000 लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है।
ऑक्सीजन की खपत पांच गुना ज्यादा बढ़ी
राजस्थान में कोरोना महामारी की दूसरी लहर चरम पर है। हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। पिछले दो सप्ताह में ऑक्सीजन की खपत पांच गुना ज्यादा बढ़ गई है। प्रतिदिन पांच हजार से भी अधिक ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत हो रही है। अस्पतालों में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। इसी कारण सिर्फ सरकारी और मान्यता प्राप्त अस्पतालों में ही इसके इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। अब बाजार में ना तो इसकी बिक्री होगी और ना ही स्टॉक रखा जा सकेगा। प्रमुख चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने जिला कलेक्टरों से बात कर ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता और रेमडेसिविर इंजेक्शन की खपत पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उधर, डेंगू,स्वाइन फ्लू और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियां फैलने लगी है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभाव बढ़ने लगा है। कोरोना की रोकथाम में लगे चिकित्सा विभाग के अधिकारी व चिकित्सक इन बीमारियों की रोकथाम पर ध्यान नहीं दे रहे। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने मौसमी बीमारियो पर निगरानी के लिए जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा ना तो ग्रामीण इलाकों व कच्ची बस्तियों में फॉगिंग हो रही है और ना ही डोर टू डोर सर्वे हो रहा है। कई सरकारी अस्पतालों में इनकी जांच के लिए इलाइजा टेस्ट मशीन उपलब्ध नहीं है। रेपिड रेस्पॉंस टीम भी सक्रिय नहीं है।
गहलोत ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने असत्य बोला
कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन से यह उम्मीद नहीं करता था कि वे राज्यों में पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होने जैसा असत्य बयान नहीं देंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राज्यों पर मिस मैनेजमेंट का आरोप लगाना एकदम गलत है। गहलोत ने लिखा कि केंद्र सरकार ने 10 प्रतिशत वैक्सीन के खराब होने की छूट दी थी, लेकिन राजस्थान में वैक्सीन के वेस्टेज का प्रतिशत सिर्फ सात है ।राजस्थान में पूरे देश में सबसे अधिक वैक्सीनेशन हुआ है। केंद्र सरकार को यह मानने में कोई बुराई नहीं है थी कि देश में वैक्सीन की उपलब्धता कम है और राज्य सरकारों को उसी के अनुरूप वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बनाना चाहिए। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड,आंध्र प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, झारखंड, उत्तराखंड और असम में वैक्सीन की नियमित आपूर्ति करने में विफल रही है। जिसके कारण इन राज्यों में कई जगह वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए। गहलोत ने लिखा कि मैं उम्मीद करता हूं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कारोना संक्रमण और वैक्सीनेशन पर गलत बयानबाजी करने के बजाय आमजन के हित में सत्य सामने रखकर काम करेंगे। मेरा यह भी मानना है कि केंद्र सरकार को इस बारे में गलत बयानबाजी करने की जगह अधिकारिक तौर पर एडवायजरी जारी कर कहना चाहिए था कि वैक्सीन उपलब्ध होने में थोड़ा समय लगेगा।