Rajasthan: नागौर में 52 मोरों समेत 66 पक्षियों की मौत, कई घायल
Rajasthan कालवा बड़ा के सरपंच दिलीप सिंह ने बताया कि सुबह घर से बाहर आने पर एक बरगद के पेड़ नीचे काफी संख्या में मोर मृत मिले जिसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दी गई। सूचना पर नायब तहसीलदार गजेंद्र सिंह मय टीम मौके पर पहुंचे।
अजमेर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में अजमेर संभाग के नागौर जिले में मकराना उपखंड के ग्राम कालवा बड़ा में शुक्रवार को किसी जहरीले पदार्थ के खाने से 52 मोरों सहित कई छोटे पक्षी मर गए। मौके पर पहुंची चिकित्सा विभाग की टीम लगभग 50 मोर का उपचार कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। वहीं, दो टीम बना कर मृत मोर का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। कुचामन से डीडीएल की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। कालवा बड़ा के सरपंच दिलीप सिंह ने बताया कि सुबह घर से बाहर आने पर एक बरगद के पेड़ नीचे काफी संख्या में मोर मृत मिले, जिसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दी गई। सूचना पर नायब तहसीलदार गजेंद्र सिंह मय टीम मौके पर पहुंचे।
पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंच कर घायल पक्षियों का उपचार शुरू किया। डीडवाना रेंज के रेंजर अर्जुन राम कड़वा ने बताया कि कालवा बड़ा में 52 मोर, एक कौआ, पांच कबूतर, छह कमेडी तथा दो गुरसलि मृत मिली है। कुछ पक्षी घायल मिले हैं, जिनका उपचार चल रहा है। शाम तक मरने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ भी सकती है। पशु चिकित्सा प्रभारी सालग राम पूनिया के अनुसार मृत तथा घायल पक्षियों में पाए गए लक्षणों के अनुसार, मोरों के जहरीला पदार्थ खाने की संभावना है। जिन पक्षियों का इलाज चल रहा है, उनमें सुधार हुआ है। इस मामले में हर पहलू की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि नवंबर, 2019 में सांभर झील में 18 हजार पक्षियों की मौत के बाद क्षेत्र की एक हजार नमक उत्पादन इकाइयों को बंद कर दिया गया था। पक्षियों की मौत के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नेशनल वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल और जयपुर जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी। लवण निदेशालय ने आगामी आदेश तक इन इकाइयों से नमक की सप्लाई पर रोक लगा दी थी।