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Rajasthan: क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ 4500 शिकायतें

Complaints against credit co operative societie. क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के करो़ड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इनके खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 01:14 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:14 PM (IST)
Rajasthan: क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ 4500 शिकायतें
Rajasthan: क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ 4500 शिकायतें

जयपुर, जेएनएन। complaints against credit co operative societie. राजस्थान में हाल में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के करो़ड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इनके खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। राजस्थान के सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने के लिए दिए गए लिंक पर पिछले बीस दिन में 4500 शिकायतें आ चुकी हैं और इनमें शिकायकर्ताओं ने करीब 142 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की शिकायतें की हैं।  

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राजस्थान में हाल में आदर्श, संजीवनी नवजीवन और कुछ अन्य बड़ी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा निवेशकों के पैसे के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आई थीं और पुलिस ने इनके संचालकों को गिरफ्तार भी किया था। यह मामले सामने आने के बाद राजस्थान सहकारिता विभाग ने इन सोसायटियों पर शिंकजा कसना शुरू किया और पिछले माह वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए लिंक जारी किया। इस पर निवेशक किसी को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ शिकायत देना चाहते हैं, वह दर्ज करा सकते हैं।

बीते शुक्रवार तक इस लिंक पर 4500 लोग करीब 142 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज करा चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। इन शिकायतों के आधार पर विभाग ने अब हर शनिवार को सहकारिता रजिस्ट्रार की कोर्ट में सुनवाई भी शुरू कर दी है। इसके अलावा फर्जीवाड़ा करने वाली 49 क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। इन्हें कहा गया है कि 15 दिन में निवेशकों का पैसा लौटाएं, अन्यथा उनके खाते सीज कर दिए जाएंगे और अपराधिक मामला दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाएगी। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट्स एक्ट लागू किया है और राजस्थान उन राज्यों में है जहां इस पर सबसे पहले कार्रवाई शुरू की गई है। इस एक्ट के तहत सहकारिता रजिस्ट्रार को सक्षम प्राधिकारी घोषिषत कर सिविल न्यायालय की शक्तियां दी गई हैं।

इसी आधार पर सहकारिता रजिस्ट्रार ने सुनवाई शुरू की है। एक्ट में रजिस्ट्रार को गलत काम करने वाली सोसायटियों के खाते और संपत्तियां सीज करने का अधिकार भी दिया गया है। सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि विभाग अब इन सोसायटियों के खातों और संपत्तियों की जानकारी एकत्र कर रहा है। सुनवाई में यदि निवेशक की शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित सोसायटी के खातों में उपलब्ध राशि और इसकी संपत्तियां बेचकर निवेशक को उसका पैसा वापस दिलाया जाएगा। 

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