Rajasthan: क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ 37 हजार शिकायतें
credit cooperative societie. राजस्थान में पिछले दिनों पुलिस ने आदर्श संजीवनी सहित कुछ बड़ी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ ठगी के मामले उजागर किए थे।
जयपुर, जेएनएन। credit cooperative societie. राजस्थान में पिछले दिनों कई बड़ी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा ठगी के मामले सामने आने के बाद अब इन सोसायटियों के पीड़ितों की कतार लग गई है। सरकार के सहाकारिता विभाग के पास अब तक इन सोसायटियों के खिलाफ 37 हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं और करीब 765 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें आ चुकी हैं।
राजस्थान में पिछले दिनों पुलिस ने आदर्श, संजीवनी सहित कुछ बड़ी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ ठगी के मामले उजागर किए थे। इनमें निवेशकों के सैकड़ों करोड़ रुपये का दुरुपयोग करने और निवेशकों का पैसा हड़पने के मामले सामने आए थे। इसके बाद सहकारिता विभाग ने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया था। इस पोर्टल पर सोसायटियों से परेशान निवेशक अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। यह पोर्टल शुरू हुए करीब दो माह का समय हुआ है, लेकिन इतने कम समय में ही इन सोसायटियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लग गया है। ज्यादातर शिकायतें बड़ी सोसायटियों के खिलाफ हैं, जिनका काम दूसरे राज्यों मेें भी फैला है।
सहकारिता विभाग को अब तक धोखाधड़ी की 37 हजार शिकायतें मिल चुकी हैं, जिनमें शिकायतकर्ताओं के साथ 765 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी सामने आई है। राज्य की सोसायटियों के खिलाफ केवल 68 शिकायतें मिली हैं, जबकि शेष शिकायतें मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ आई हैं। सबसे ज्यादा बाड़मेर जिले से 5,172 शिकायतें मिली हैं। इसके अलावा जोधपुर से 4,658, पाली से 3,017 शिकायतें मिल चुकी हैं। सबसे कम धौलपुर जिले से 33 शिकायतें मिली हैं। गौरतलब है कि इन क्रेडिट काॅपरेटिव सोसायटियों ने अपना सबसे ज्यादा काम पाली, जालौर, सिरोही, बाडमेर, जोधपपुर जिलों मे ही फैला रखा था।
सहकारिता विभाग ने अब इन सोसायटियों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। हाल ही में नए एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए सहकारिता रजिस्ट्रार को सक्षम भी बनाया गया है। मीडिया से बातचीत में रजिस्ट्रार नीरज के. पवन ने कहा कि मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के खिलाफ पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में प्रकरण लंबित हैं। जरूरत पड़ी तो इन्हें सीबीआइ को भी भेजा सकता है।
वहीं, निवेशकों के पैसे पर पूरी निगरानी रहे इसके लिए सोसायटियों को अपनी जमा पूंजी सहकारी बैंकों में ही जमा करवाने की सख्त हिदायत दी गई है। अब तक इन सोसायटियों का करीब 30 करोड़ रुपये सहकारी बैंकों में जमा हुआ है।