Ranthambore National Park: एक दशक में 32 बाघों के लापता होने के बाद हरकत में आई सरकार, मांगी रिपोर्ट
Ranthambore National Park. सरकार ने प्रदेश के मुख्य वन्यजीव संरक्षक को इस मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Ranthambore National Park. राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर सेंचुरी में एक दशक में 32 बाघों के लापता होने के बाद प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार अब हरकत में आई है। सरकार ने प्रदेश के मुख्य वन्यजीव संरक्षक को इस मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
साल, 2011 से अब तक 32 बाघों के लापता होने का मामला वन्यजीव विशेषज्ञों व भाजपा सांसद दीया कुमारी द्वारा जयपुर से लेकर दिल्ली तक उठाए जाने के बाद सक्रिय हुई राज्य सरकार ने बाघों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
रणथंभौर सेंचुरी से सटे गांवों के विस्थापन कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, पिछले एक दशक में 32 बाघों के लापता होने और इनमें से कुछ का शिकार होने की बात पिछले दिनों सामने आई है। एक दशक में दो बाघ आपसी टकराव में मारे गए।
पांच शावक भी लापता
वन्यजीव विशेषज्ञों व दीया कुमारी द्वारा मामला उठाए जाने के बाद सरकार ने वन विभाग से जानकारी मांगी तो लिविंग स्टेटस रिपोर्ट में सामने आया कि साल 2010 से 2017 तक 26 बाघ लापता हुए। वन विभाग के पास साल, 2017 के बाद का लिविंग स्टेटस रिपोर्ट अपडेट ही नहीं है। वहीं, वन विशेषज्ञों का कहना है कि 2010 से लेकर अब तक कुल 32 बाघ लापता हुए हैं, इनमें से सात बाघों का शिकार हुआ है।
बाघ एरोहेड के तीन और लाइटनिंग के दो शावक भी लापता हैं। हालांकि वन विभाग के अधिकारी अधिकृत रूप से इस बारे में बताने को तैयार नहीं है। दीया कुमारी ने पिछले दिनों केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर बाघों के गायब होने पर चिंता जताई थी। दीया कुमारी ने एक रिपोर्ट का हवाला दिया था, जिसमें साल 2011 से 2017 अंत तक 26 बाघों के गायब होने की बात कही गई थी। दीया कुमारी ने बाघों के शिकार की भी आशंका जताई थी।
रणथंभौर से बाघों के गायब होने को लेकर भाजपा विधायकों द्वारा आगामी दिनों में विधानसभा में मामला उठाए जाने की सूचना मिलते के बाद सरकार ने गुरुवार देर शाम प्रदेश के मुख्य वन्यजीव संरक्षक को पूरे प्रकरण की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वे लापता हुए बाघों की स्थिति, बाघों के ट्रेकिंग सिस्टम, लापरवाही बरतने वाले वनकर्मियों सहित सभी विषयों पर जांच करेंगे।
वनमंत्री बोले, सरकार गंभीर
प्रदेश के वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि बाघों के गायब होने को लेकर सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। सरकार इस मामले में गंभीर है। उल्लेखनीय है कि एक दशक में टी-6, टी-21, टी-40, टी-43, टी-55, टी-77, टी-88, टी-89, टी-29, टी-26, टी-14, टी-17, टी-22, टी-26, टी-27, टी-31, टी-49, टी-50, टी-53, टी-67, टी-68, टी-70, टी-76, टी-78, टी-81, टी-82, टी-90, टी-51, टी-13 लापता हुए।
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