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राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में पांच साल से पड़ी रह गई 229 क्विंटल चीनी सड़ गई

चित्तौड़गढ़ में विभागीय समन्वय की कमी के चलते 229 क्विंटल चीनी सड़ गई और अब उसको नष्ट करने की तैयारी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले के लिए 229 क्विंटल चीनी का आवंटन किया गया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:12 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:12 AM (IST)
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में पांच साल से पड़ी रह गई 229 क्विंटल चीनी सड़ गई
चित्तौड़गढ़ स्थित खाद्य निगम के गोदाम में सड़ रही चीनी के कट्टे।

उदयपुर, सुभाष शर्मा। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से गरीब और अल्प आयवर्ग के परिवारों को घर-घर राशन पहुंचाने का काम किया गया, किन्तु यह जानकर आपको आश्चर्य होगा चित्तौड़गढ़ में विभागीय समन्वय की कमी के चलते 229 क्विंटल चीनी सड़ गई और अब उसको नष्ट करने की तैयारी की जा रही है।

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मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जिले के लिए 229 क्विंटल चीनी का आवंटन किया गया था। यह चीनी श्री गणेश खंड उद्योग सहकारी मंडली लिमिटेड तहसील वालिया जिला भरूच से मिली थी। जो केवीएस के रोडवेज बस स्टैण्ड के सामने वाले गोदाम, विकास कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी कपासन तथा केय्र विक्रय सहकारी समिति बेगूं तथा निम्बाहेड़ा में रखी है। यह चीनी लाभार्थियों तक पहुंचाने की बजाय क्रय-विक्रय सहकारी समिति के गोदामों में ही सड़ गई। जिसको लेकर जिम्मेदार विभाग और अधिकारियों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई और अब उसके निस्तारण के प्रयास जारी हैं।

केंद्र सरकार के चीनी निदेशालय ने जहां इसके निस्तारण के लिए इसकी नीलामी किए जाने का सुझाव दिया है, वहीं स्थानीय स्तर पर इसे जमीन में गाड़कर नष्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है। चीनी निदेशालय का कहना है कि इस चीनी को उद्योगों के लिए नीलाम किया जा सकता है। खाद्य निगम ने इस चीनी के निस्तारण के लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की, जिसमें रसद विभाग, खाद्य आपूर्ति निगम, जिला प्रशासन और जिला स्तरीय वित्त विभाग के कार्मिक को बतौर सदस्य बनाने को कहा गया था।

22 फरवरी को टीम गठित की गई लेकिन चीनी को नीलाम किए जाने के लिए कदम नहीं उठाए गए। चीनी गीली ओर बदरंग होकर जम चुकी है, जिसे अब नष्ट किए जाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में चित्तौड़गढ़ क्रय-विक्रय सहकारी समिति की मैनेजर सरोज मीणा का कहना है कि उक्त चीनी बिना डिमांड के ही भेज दी गई थी। जिसके वितरण के लिए बार-बार प्रयास किए लेकिन रसद विभाग और खाद्य विभाग से किसी तरह के निर्देश नहीं मिले।

इधर, खाद्य एवं आपूर्ति निगम की प्रबंधक अल्पी शर्मा का कहना है कि यह ज्वाइन करने से पहले का मामला है, मेरे संज्ञान में नहीं है, जबकि जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा का कहना है कि लेवी चीनी आवश्यकता से अधिक आ गई थी। समय पर कोई निर्देश नहीं मिले और चीनी सड़ गई। उद्योग विभाग से भी जानकारी ली थी। स्थानीय स्तर पर नियमानुकसार इस चीनी का कोई उपयोग नहीं हो सकता। अब इसके निस्तारण की प्रक्रिया के प्रयास किए जा रहे हैं।


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