Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 2173 नए मामले और 15 की मौत
Coronavirus राजस्थान में अब तक एक लाख 35 हजार 292 पॉजिटिव मिल चुके हैं। कुल 1486 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 20581 है। वहीं कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राजस्थान सरकार जागरूकता अभियान चलाएगी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus: राजस्थान में बुधवार को कोरोना के 2173 नए मामले सामने आए और 15 की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक एक लाख 35 हजार 292 पॉजिटिव मिल चुके हैं। कुल 1486 लोगों की मौत हुई है। एक्टिव केसों की संख्या 20,581 है। वहीं, कोरोना महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राजस्थान सरकार जागरूकता अभियान चलाएगी। गांधी जयंती पर दो अक्टूबर से शुरू होने वाले अभियान के तहत प्रदेश में एक करोड़ मास्क वितरित किए जाएंगे। मंत्री, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर मास्क वितरित करेंगे। अभियान के तहत तीन और चार अक्टूबर को सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों और विधायक खुद के विधानसभा क्षेत्रों में रहेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करेंगे। जागरूकता अभियान को आंदोलन की तरह चलाया जाएगा। बैठक में चर्चा की गई कि सख्ती के साथ गांधीगिरी से भी लोगों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने को लेकर समझाया जाए। लोगों को बताया जाएगा कि वे मास्क पहनें, बार-बार हाथ साफ करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी रखें। सामाजिक संगठनों व सरकारी कर्मचारियों को जागरूकता अभियान की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। संक्रमितों की संख्या बढ़ती देख सरकार ने कोरोना मरीजों की सिटी स्कैन जांच की दर तय कर दी है। सिटी स्कैन की जांच 1700 रुपये में होगी। निर्धारित दरों से अधिक वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
संसाधन बढ़ाने में सरकार नाकामः हनुमान बेनीवाल
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में कोरोना पीड़ितों के इलाज के प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं को संभालने में सरकार नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अस्पतालों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ना तो बेड हैं और ना ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना पीड़ितों के लिए जीवनरक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि इसकी उपलब्धता ही नहीं है।