Move to Jagran APP

जोधपुर का हिन्दू सेवा मंडल बना तारणहार, अब तक तीन सौ संक्रमितों का कर चुका अंतिम संस्कार, शुरू किया अस्थि बैंक

कोरोना की सुनामी में कई परिवार अपने प्रियजनों को गंवा चुके है । अपनों को सदा के लिए खोने के बाद उपजी पीड़ा के बीच कोरोना प्रोटोकाल से अंतिम संस्कार भी बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है । ऐसे परिवारों के लिए हिन्दू सेवा मंडल तारणहार बन सामने आया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 07:07 PM (IST)
जोधपुर का हिन्दू सेवा मंडल बना तारणहार, अब तक तीन सौ संक्रमितों का कर चुका अंतिम संस्कार, शुरू किया अस्थि बैंक
हिन्दू सेवा मंडल स्थल पर सुरक्षित रखी अस्थियां

रंजन दवे, जोधपुर। कोरोना की सुनामी में कई परिवार अपने प्रियजनों को गंवा चुके है । अपनों को सदा के लिए खोने के बाद उपजी पीड़ा के बीच कोरोना प्रोटोकाल से अंतिम संस्कार भी बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है । ऐसे परिवारों के लिए हिन्दू सेवा मंडल तारणहार बन सामने आया है। मंडल की तरफ से 300 से अधिक संक्रमितों का दाह संस्कार किया जा चुका है । वहीं मंडल की तरफ से अब एक अस्थि बैंक की स्थापना की गई है । इसमें मृतक की अस्थियों को जमा करवाया जा सकता है लॉकडाउन खुलने पर वे यहां से उसे ले जा सकते है । 

loksabha election banner

हिन्दू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की दिक्कतों को ध्यान रख हमारे कार्यकर्ताओं ने पहल की अब तक हम लोग 300 से अधिक कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार करवा चुके है ।जब संक्रमित लोगों के शव के पास उनके परिजन तक जाने से घबराने लगे तो मंडल के कार्यकर्ता इस मामले में लोगों की मदद करने को आगे आए।ऐसे में मंडल ने कई लोगो का रीति रिवाज से अंतिम संस्कार सम्पन्न किया है।उनमें से बड़ी संख्या में लोगों की अस्थियां हमारे पास सुरक्षित रखी हुई है । कुछ लोग अस्थियां ले जा चुके है । लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रख हमने अब एक अस्थि बैंक शुरू किया है । किसी भी स्थान पर दाह संस्कार करवाने के बाद परिजन अस्थियों को हमारे पास जमा करवा सकते है ।

टोकन व्यवस्था से जमा की गई है अस्थियां

कोरोना के दौर में काल कलवित हुए लोगों का अंतिम संस्कार करवाने के बाद उनकीअस्थियां परिवार जन की मौजूदगी में एकत्रित की जाती है। इसके अलावा यदि कोई परिवार अपने रिश्तेदार की अस्थियां एकत्रित कर हिंदू सेवा मंडल को सौंप ता है तो वह उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखते हैं। इसके साथ ही हिंदू सेवा मंडल के कार्यकर्ता संबंधित परिजन को एक टोकन देते हैं और टोकन के नम्बर को अस्थिकलश पर भी अंकित किया जाता है। लॉकडाउन के बाद या व्यवस्था होने पर संबंधित परिवार उस टोकन नंबर के आधार पर अपने मृतक परिजनों की  अस्थियां ले जाा सकते हैं। इसके अलावा हिन्दू सेवा मंडल भी शेष अस्थितयो को गंगा विस्ररजन के लिए ले जाता है। जहाँ पूरे सनातन परम्परा से इनका गंगा विसर्जन किया जाता है।मंडल प्रति वर्ष करीब 200 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवाता आया है ।

सौ वर्ष से मानव सेवा के लिए समर्पित हिन्दू सेवा मंडल

जोधपुर में हिन्दू सेवा मंडल का इतिहास करीब सौ वर्ष पुराना है । सौ वर्ष पूर्व स्पेनिश फ्लू से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा था । उस दौर में लोगों की मदद के लिए पांच लोगों ने पहल कर संकट में घिरे लोगों को मदद के रूप में दाह संस्कार का कार्य शुरू किया था। इसके बाद से यह परम्परा बनी और अब सेवा में बदल चुकी है।

कोरोना काल में भी हिन्दू सेवा मंडल ने विशेष पहल की।

महामारी को ध्यान में रख मंडल ने अधिक संख्या में दाह संस्कार करने के लिए अतिरिक्त लकड़ियों की व्यवस्था कर रखी है । साथ ही दाह के लिए अतिरिक्त प्लेटफार्म भी निर्मित किये जिससे आम जन मानस को दुख में मदद मिल सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.