Rajasthan Budget: गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, राजस्थान का बजट घोषणाओं का अंबार
Rajasthan Budget गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत द्वारा बुधवार को पेश किए गए राजस्थान के बजट को घोषणाओं का अंबार और पुतला मात्र बताया है। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि बजट को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सरकार मध्यावधि चुनाव में जाने वाली है।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan Budget: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बुधवार को पेश किए गए राजस्थान के बजट को घोषणाओं का अंबार और पुतला मात्र बताया है। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि बजट को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सरकार मध्यावधि चुनाव में जाने वाली है। दिल्ली से जोधपुर पहुंचे शेखावत ने जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं एक सामान्य प्रश्न करना चाहता हूं कि पिछले दो बजट में जिस तरह के वादे किए गए थे, जिन योजनाओं की घोषणा की गई थी, अभी उनके धरातल पर उतरने का इंतजार है। अनेक घोषणाएं तो ऐसी हैं, जो दो साल से डीपीआर की स्टेज पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि ये जो लोकलुभावन घोषणाएं की गई हैं, ये वास्तव में धरातल पर कैसे उतरेंगी? इसको लेकर इंप्लीमेंटेशन स्ट्रेटजी के विषय में कोई चर्चा या बात नहीं की गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनता सहज रूप से विश्वास भी नहीं करती है कि किस तरह से इन घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा। बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर की घोषणाओं पर शेखावत ने कहा कि कृषि क्षेत्र को लेकर जिस तरह की बातें की गई हैं, मुझे लगता है कि यह बजट किसानों को खुश करने के बजाय अपने राजनीतिक आकाओं को, जिनकी छवि पूरे देश में धूमिल हो चुकी है, प्रसन्न करने का प्रयास है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरी तरफ भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बजट प्रस्तुत किया। उस बजट को इंप्लीमेंट करने के लिए देश के इतिहास में पहली बार नवाचार किया गया। आज से पहले जब कभी बजट आता था। संसद की विभिन्न समितियां बैठकर बजट पर विचार करती थीं।
फिर सत्र के दौरान चर्चा के बाद बजट पारित हो जाता था। इस बार बजट के सारे स्टेक होल्डर्स, राज्य सरकारों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ वन ऑन वन चर्चा के साथ ग्रुप डिस्कशन भी किया गया। शेखावत ने कहा कि हमने सारे कंसेसियनार्स और इंप्लीमेंटेशन के सारे स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत करके एक अप्रैल को जिस दिन बजट लागू हो, उस दिन से तेज गति से किस तरह बजट लागू कर सकते हैं, उसकी स्ट्रेटजी पर अभी से काम करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि आपको तुलना करनी पड़ेगी। एक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की काम करने की नीति है और दूसरी 2018 में सरकार में आने के ठीक बाद में कितनी घोषणाएं धरातल पर उतरी हैं, जनता खुद समीक्षा करके देख सकती है।