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Rajasthan: उदयपुर की मानसी जैन ने बनाया आईऑडिट सॉफ्टवेयर, 30 सेकेंड में करेगा तीन महीने का ऑडिट

Rajasthan मानसी ने राजकोट के सीए पलक वसा व आइआइटी रुड़की के स्मित परसानिया के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो तीन महीने का ऑडिट मात्र 30 सेकेंड में कर सकेगा। इस सॉफ्टवेयर का नाम है-आईऑडिट।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 08:34 PM (IST)
Rajasthan: उदयपुर की मानसी जैन ने बनाया आईऑडिट सॉफ्टवेयर, 30 सेकेंड में करेगा तीन महीने का ऑडिट
उदयपुर की मानसी जैन ने बनाया आईऑडिट सॉफ्टवेयर, 30 सेकेंड में करेगा तीन महीने का ऑडिट। फाइल फोटो

उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजस्थान की सीए मानसी जैन ने अपने हुनर व काबीलियत के दम पर तकनीकी क्षेत्र में नवाचार करते हुए उदयपुर ही नहीं, अपितु पूरे देश का नाम रोशन किया है। मानसी ने राजकोट के सीए पलक वसा व आइआइटी रुड़की के स्मित परसानिया के साथ मिलकर एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जो तीन महीने का ऑडिट मात्र 30 सेकेंड में कर सकेगा। इस सॉफ्टवेयर का नाम है-आईऑडिट।

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दक्षिण एशिया के टॉप 10 स्टार्टअप में शामिल

युवाओं की मेहनत और लगन से बने इस सॉफ्टवेयर को दक्षिण एशिया की टॉप 10 स्टार्टअप में शामिल किया गया है, जो विशेष उपलब्धि है। इस उपलब्धि के लिए प्रोत्साहन स्वरूप इन्हें आठ लाख रुपये का पुरस्कार मिला तथा गुजरात सरकार की ओर से इस स्टार्टअप की महत्वता को देखकर 30 लाख रुपये का अनुदान भी दिया है।मानसी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन मेक इन इंडिया को साकार करने के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है, जिससे तकनीकी क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा और समय की बचत के साथ ऑडिट जैसे कार्यों में सुलभता होगी। मानसी का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर बैंकिंग क्षेत्र के साथ ई-कॉमर्स व मल्टीनेशन कंपनियों के लिए कारगर साबित होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टेक्नोलॉजी की विशेष आवश्यकता है और इसी को ध्यान में रखकर उनकी टीम ने यह सॉफ्टवेयर बनाया है और आगे भी नवाचार जारी रहेगा।

आईऑडिट का सफर

उदयपुर के सेक्टर आठ निवासी डोटिया अनिल जैन की पुत्री मानसी जैन की स्कूली शिक्षा सेंट मेरी स्कूल से पूर्ण की और प्रथम बार में सीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर मुंबई चली गई। वहां सीए की पढ़ाई में सफल होने के बाद विश्व के नामी संस्था ई वाई में पांच साल ऑडिट विभाग में अपनी कार्यकुशला के साथ दायित्वों की बखूबी निर्वहन किया। इस दौरान मानसी को एहसास हुआ कि ऑडिट के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी की अत्यंत आवश्यकता हैं और यहीं से शुरू हुआ ‘आईऑडिट‘ का सफर।


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