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Rajasthan By Election 2021: वल्लभनगर विधानसभा भाजपा के लिए चुनौती, त्रिकोणीय मुकाबले में जनता सेना पड़ती है भारी

Rajasthan By Election 2021 राजस्थान में राजसमंद और सहाड़ा में जहां सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता आया है वहीं उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा सीट पर जनता सेना भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई हैै।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 03:23 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 03:23 PM (IST)
Rajasthan By Election 2021: वल्लभनगर विधानसभा भाजपा के लिए चुनौती, त्रिकोणीय मुकाबले में जनता सेना पड़ती है भारी
राजस्थान में वल्लभनगर विधानसभा भाजपा के लिए चुनौती। फाइल फोटो

उदयपुर, सुभाष शर्मा। Rajasthan By Election 2021: राजस्थान की चार विधानसभाओं के लिए इस बार उपचुनाव होने हैं, जिनमें से तीन सीटें मेवाड़ से हैं। राजसमंद और सहाड़ा में जहां सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता आया है, वहीं उदयपुर जिले की वल्लभनगर विधानसभा सीट पर जनता सेना भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई हैै। इस बार के उप चुनाव में भी जनता सेना अपना उम्मीदवार उतारने जा रही हैै। वल्लभनगर से कांग्रेस के विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद यहां उप चुनाव की नौबत आई है। कांग्रेस यहां से दिवंगत विधायक शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत या उनके बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत को प्रत्याशी बना सकती है। पिछले दो बार हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए चुनौती बनी जनता सेना ने फिर यहां से अपना उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।

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माना जा रहा है कि जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भीण्डर फिर चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वह यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं। पहले टर्म में वह भाजपा से विधायक रहे और दूसरी बार साल 2013 में जब भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी जनता सेना का गठन कर चुनाव लड़ा और विजयी रहे। जनता सेना ने भाजपा को मुकाबले से बाहर कर दिया और उसके प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और जनता सेना प्रत्याशी के बीच हुआ और कांटे की टक्कर के बीच जनता सेना के प्रत्याशी रणधीर सिंह भीण्डर चार हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शक्तावत विजयी रहे। लंग्स की बीमारी से ग्रसित शक्तावत का एक महीने पहले दिल्ली के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी।

वसुंधरा से भीण्डर की मुलाकात के मायने

जनता सेना सुप्रीमो पिछले दिनों भाजपा नेता व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले थे। तब माना जा रहा था कि वह भाजपा में शामिल होने जा रहे है, लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा भाजपा से मिलती है, लेकिन एक आदमी के उनके पीछे लठ लेकर पड़ा हुआ है।

कटारिया व भीण्डर की राजनीतिक दुश्मनी जगजाहिर

जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भीण्डर भाजपा के दिग्गज नेता तथा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का नाम तक नहीं लेते। दोनों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वता जग जाहिर है। साल 2008 में रणधीर सिंह भीण्डर भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन साल 2013 में कटारिया की वजह से उन्हें टिकट नहीं मिल पाया और उन्होंने जनता सेना का गठन किया और निर्दलीय चुनाव लड़े थे।

पंचायत के बाद शहरी निकाय में भी जनता सेना का दबदबा

वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र की भीण्डर नगर पालिका में जनता सेना का बोर्ड है तथा इससे पहले पंचायतीराज के चुनाव में भी जनता सेना के अधिकांश प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया। क्षेत्र में पंचायत तथा शहरी निकायों के निर्वाचित सदस्यों की संख्या गिनी जाए तो इकाई में ही सिमट जाती है।  


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