Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 2086 नए मामले और 20 की मौत
Coronavirus राजस्थान में अब तक 3232 लोगों की कोरोना से मौत होने के साथ ही दो लाख 74 हजार 486 संक्रमित अब तक मिल चुके हैं। प्रदेश में अब तक मृतकों की संख्या 2370 हो गई। कुल 45 लाख 12 हजार 399 सैंपल लिए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus: राजस्थान में बृहस्पतिवार को कोरोना के 2086 पॉजिटिव केस सामने आए और 3233 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से घर भेज दिया गया। 20 लोगों की कोरोना से मौत हुई। प्रदेश में अब तक 3232 लोगों की कोरोना से मौत होने के साथ ही दो लाख 74 हजार 486 संक्रमित अब तक मिल चुके हैं। प्रदेश में अब तक मृतकों की संख्या 2370 हो गई। कुल 45 लाख 12 हजार 399 सैंपल लिए गए हैं। सरकार ने संक्रमण को काबू में करने के लिए सख्ती शुरू की है। इसका परिणाम है कि पिछले तीन दिन में संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। अधिक संक्रमण वाले जिलों में जयपुर, जोधपुर, अलवर, कोटा व अजमेर जिले शामिल है।
उधर, कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के करीब 40 लाख स्टूडेंट्स की पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने तैयारी की है। सरकार ने तय किया कि कक्षा एक से आठ तक का सिलेबस करीब 50 फीसद तक कम कर दिया जाएगा। वहीं, कक्षा नौ से 12 तक को लेकर भी राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से रिपोर्ट मांगी गई है। इन कक्षाओं का सिलेबस पहले ही 60 फीसद हो चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि सिलेबस कम करने का निर्णय हो चुका है। कक्षा नौ से 12 तक का सिलेबस माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पहले ही कम कर दिया। परीक्षा और पास होने के लिए निर्धारित अंकों में बदलाव करने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ही वह प्रदेश है जिसने भीलवाड़ा मॉडल देश को दिया और कंटेनमेंट जोन को सख्ती से लागू कर, डोर-टू-डोर सघन सर्विलांस, अधिक से अधिक जांच, पुख्ता कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्वारेंटीन जैसे सख्त उपायों से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में कामयाबी पाई। राजस्थान के कोरोना प्रबंधन को देखने आए केंद्रीय दल के साथ चर्चा की। कोरोना के प्रबंधन में राजस्थान ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति, संवेदनशीलता, मानवीय नजरिये, सतर्कता के साथ काम किया, वह एक मिसाल है। हमने ‘राजस्थान सतर्क है’ को ध्येय वाक्य बनाकर कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन की शुरुआत की। सभी राज्यों में कोरोना का अलग-अलग ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से उपचार किया जा रहा है। इससे रोगियों, चिकित्सकों में भ्रांति बनी रहती है कि इनमें से कौनसा अधिक कारगर है। अनुरोध है कि केंद्र सरकार इस दिशा में पहल करे, आइसीएमआर के माध्यम से देशभर के लिए एक समान चिकित्सा प्रोटोकॉल निर्धारित करे।