Locust Attack: राजस्थान के 21 जिले टिड्डियों से प्रभावित, 95 हजार हेक्टेयर में फसलों को नुकसान
Locust Attack राजस्थान के 21 जिलों के करीब 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
जागरण संवाददता, जयपुर। Locust Attack: राजस्थान में टिड्डियों का आतंक लगातार बना हुआ है। किसान और सरकार टिड्डियों से परेशान हैं। प्रदेश के 21 जिलों के करीब 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों ने अपना असर दिखाया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि टिड्डियों ने ग्रामीणों इलाकों के साथ ही शहरों में भी अपना प्रकोप दिखाया। टिड्डियों पर नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार ने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारी ग्रामीण इलाकों में तैनात किए गए हैं।
इसी बीच, कोटा जिले के इटावा उपखंड अधिकारी राजकुमार बरनाल ने शिक्षकों की ड्यूटी टिड्डियों को उड़ाने में लगाई है। उपखंड अधिकारी के इस आदेश का शिक्षक विरोध कर रहे हैं। उपखंड अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों का बच्चों एवं अभिभावकों से निरंतर संपर्क रहता है, इसलिए उन्हें टिड्डियों के आने की सूचना सही मिल सकती है। शिक्षकों को इसे मुद्दा नहीं बनाकर किसानों के हित में सोचना चाहिए।
छिड़काव कर राहत का प्रयास
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वैसे तो प्रदेश के 21 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप है, लेकिन जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, गंगानगर, दौसा, बीकानेर और हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डियों का आतंक बड़े स्तर पर है। उन्होंने कहा कि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा अब तक करीब 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है। प्रदेश में करीब 275 स्थानों पर टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। टिड्डियां अब तक 51 हजार लीटर से ज्यादा कीटनाशक गटक चुकी हैं। टिड्डी चेतावनी संगठन और कृषि विभाग द्वारा टिड्डियों को मारने के लिए लगातार कीटनाशक का छिड़काव प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है। टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा अब तक 41 हजार 86 लीटर मेलाथियान 96 प्रतिशत यूएलवी का छिड़काव प्रभावित क्षेत्रों में किया गया है।
वहीं, कृषि विभाग द्वारा 9 हजार 727 लीटर रसायन का उपयोग कृषि और अकृषि क्षेत्र में किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टिड्डियों के सर्वेक्षण में 120 वाहन लगे हुए हैं। नियंत्रण के लिए 45 वाहन और 800 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर की स्वीकृति जारी की गई है। अब तक 3200 वाटर टैंकर मय ट्रैक्टर की स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है। बड़े पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए दमकलों की भी मदद ली जा रही है। कृषि आयुक्तालय और टिड्डी प्रभावित तथा संभावित जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए गए हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में लगाया गया है। केंद्र से भी सहायता मांगी गई है। राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी टिड्डियों से हुए नुकसान की जानकारी करने में जुटे हैं।