Agriculture Bill: राजस्थान में मंडी टैक्स नहीं देंगे व्यापारी, किसानों ने विरोध दर्ज कराया
Agriculture Bill कृषि विधेयकों के विरोध में राजस्थान के मंडी व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। मंडी व्यापारियों ने सरकार को मंडी टैक्स नहीं देने का निर्णय किया है। व्यापारियों ने तय किया है कि प्रतिदिन अलग-अलग तरह से विधेयकों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Agriculture Bill: तीन कृषि विधेयकों के विरोध में राजस्थान के मंडी व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। मंडी व्यापारियों ने सरकार को मंडी टैक्स नहीं देने का निर्णय किया है। व्यापारियों ने तय किया है कि प्रतिदिन अलग-अलग तरह से विधेयकों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन के तहत सोमवार को विधेयकों का पुतला दहन होगा। मंगलवार को हनुमान चालीस का पाठ होगा। बुधवार से शुक्रवार तक सांसदों व विधायकों का सामूहिक विरोध व पुतला दहन होगा। इसी बीच, शुक्रवार को किसान मजदूर व व्यापारी संगठनों के आह्वान पर प्रदेश के कुछ जिलों में बंद का असर नजर आया, वहीं प्रदेश के अधिकांश जिलों में प्रदर्शन किए गए।
श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में किसानों ने पूरी तरह से चक्काजाम किया। करीब दो घंटे तक जाम रहा। अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति व ग्रामीण-किसान मजदूर संघर्ष समिति के आह्वान पर लोग सड़कों पर उतरे जयपुर, अलवर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं सहित कई जिलों में शुक्रवार को कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे देश में किसान और खेत मजदूर ने भारत बंद का एलान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी किसानों की बात सुनना तो दूर संसद में उनके प्रतिनिधियों को बात तक नहीं रखने देते। कांग्रेस इस बंद में किसान के साथ खड़ी है। भाजपा हरित क्रांति को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं।
उनके मुताबिक, मोदी कसम किसानों की खाते हैं, वहीं फायदा चंद व्यापारी दोस्तों को दिलवाते हैं। किसान और खेत मजदूर के भविष्य को रौंद कर मोदी ने बर्बादी और बदहाली की गाथा इन तीन काले कानून के जरिए लिख दी है। ये किसान और खेत के खिलाफ घिनौना षड्यंत्र है। देश में 62 करोड़ किसान और खेत मजदूर इन काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में हरित क्रांति के तीन आधार थे। पहला फसल खरीद प्रणाली, जिसमें 23 फसलों को सरकार खरीदने के लिए बाध्य है। दूसरा 23 फसलों का एमएसपी तय करना और तीसरा गरीब की राशन की दुकान। इसके तहत किसान से जो फसल खरीदी जाएगी, वो सस्ते दामों पर गरीब को दी जाएगी। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों से जुड़ी रिपोर्ट में कहा था कि कानून के अंदर एमएसपी की शर्त लिखना अनिवार्य होना चाहिए।