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Rajasthan: अजमेर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी

Congress worker. अजमेर में श्रद्धांजलि सभा दो कार्यकर्ता आपस में उलझ गए और जमकर एक-दूसरे को लात घूंसों से मारने लगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 06:51 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:51 PM (IST)
Rajasthan: अजमेर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी
Rajasthan: अजमेर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आपस में भिड़े कांग्रेसी

जागरण संवाददाता, जयपुर। Congress worker. भारत-चीन सीमा विवाद में गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जयपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की अगुवाई में शहीदों को याद किया गया। हालांकि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं पहुंचे।

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उधर, अजमेर में श्रद्धांजलि सभा दो कार्यकर्ता आपस में उलझ गए और जमकर एक-दूसरे को लात घूंसों से मारने लगे। श्रद्धांजलि सभा में एकाएक हुए इस घटनाक्रम से वरिष्ठ नेता भौंचक्के रह गए। दोनों को चोट आई, जिन्हें बाद में प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ता शमशुद्दीन और सोना धनवानी के बीच पिछले लंबे समय से व्यक्तिगत मनमुटाव चल रहा था।

शुक्रवार को श्रद्धांजलि सभा के दौरान पुष्प अर्पित करने की बात को लेकर दोनों में एक बार फिर कहासुनी हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों ने ना तो किसी का लिहाज रखा और ना ही मौके नजाकत को समझा। दोनों ने वहीं पर जमकर एक-दूसरे से मारपीट शुरू कर दी। वे इतने गुस्से में एक-दूसरे को मार रहे थे कि दोनों के खून निकलना भी शुरू हो गया। मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने उन्हें अलग करने की भी कोशिश की, लेकिन दोनों भिड़ते रहे। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने इस घटनाक्रम को बेहद अफसोसजनक बताते हुए जांच कमेटी गठित की है। 

गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस में संघर्ष तेज होता जा रहा है। वैसे तो पौने दो साल पूर्व जब कांग्रेस सत्ता में आई, तब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान चल रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह खींचतान तेज हो गई। गहलोत खेमा पार्टी में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत लागू करने की बात कर रहा है। गहलोत खेमा इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। गहलोत समर्थकों का तर्क है कि सचिन पायलट पिछले साढ़े छह साल से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पौने दो साल से उप मुख्यमंत्री पद पर कार्यरत है। उन्हे एक पद छोड़ना चाहिए। इसी बीच, मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहूं या नहीं रहूं ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेगी।

पायलटल ने कहा कि राजनीति में कब क्या होगा यह कहा नहीं जा सकता, जिसका जहां उपयोग लेना है, चाहे सरकार हो या संगठन उसका फैसला कांग्रेस हाईकमान करता है। कार्यकर्ताओं के खून पसीने से हम सरकार में आए हैं । सीएम गहलोत द्वारा राजनीतिक नियुक्तयों को लेकर की जा रही कसरत के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में पायलट ने कहा कि कोíडनेशन कमेटी के माध्यम से राजनीतिक नियुक्तयां होगी । मंत्रिमंडल में फेरबदल सहित सभी निर्णय सत्ता व संगठन मिलकर करेंगे । उन्होंने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं की विपक्ष में रहते हुए रगड़ाई हुई,उनके मान-सम्मान का बीड़ा मैंने उठाया है।


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