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Rajasthan: पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल

Vishwendra Singh. राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और कठोर फैसले लेने के लिए सीएम का सहयोग मांगा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 03:48 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 04:54 PM (IST)
Rajasthan: पर्यटन मंत्री  विश्वेन्द्र सिंह ने अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
Rajasthan: पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Vishwendra Singh. राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने एक बार फिर सार्वजनिक तौर पर अपने ही विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और कठोर फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सहयोग मांगा है। गौरतलब है कि लाॅकडाउन के चलते राजस्थान में पर्यटन व्यवसाय की स्थिति बहुत खराब हो गई है। खुद सरकार के राजस्थान पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।

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विश्वेन्द्र सिंह ट्वीटर पर काफी सक्रिय रहते हैं और खुल कर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। वे पहले भी कई बार अपने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चुके हैं। अब बीती रात उन्होंने एक बार फिर कुछ ट्वीट कर विभाग की स्थिति बयान की है। अपने ट्वीटस में सिंह ने कहा कि पर्यटन और उससे संबंधित उद्योगों में लगे लाखों लोगों के हितों और आजीविका को बचाने के लिए निकट भविष्य में कुछ कठोर लेकिन आवश्यक फैसलों में मुख्यमंत्री जी आपके समर्थन चाहता हूं। उन्होंने लिखा कि एक भी राज्य पर्यटन परियोजना का उद्घाटन नहीं किया गया है और न ही पर्यटन अधिकारियों की कोई नई भर्ती हुई है। दो एमडी बदले जाने के बावजूद, आरटीडीसी की पुनरुद्धार योजना का कोई ठिकाना नहीं है। पर्यटन विभाग जो कि राजस्थान के सबसे अधिक प्रासंगिक विभागों में से एक है, उसमें कुछ बदलाव लाने की जरूरत है।

मंत्री ने अपने ट्वीटस में लिखा कि पर्यटकों के आगमन के आंकड़े पहले ही गंभीर रूप से गिर चुके हैं और राजस्थान में पर्यटन उद्योग की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है, फिर भी अधिकारी आंखें मूंदे हैं। अधिकारी इस बात को लेकर अंधेरे में हैं कि कोविड 19 के बाद पर्यटन पुनरुद्धार की दिशा में क्या होना चाहिए और इस संबंध में मेरे प्रयासों के बावजूद, निजी क्षेत्र से हितधारकों की भागीदारी को शामिल करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। विभाग की वित्तीय स्थिति बेहद चिंतनीय है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों के लिए कोई प्रशिक्षण या पुनर्विन्यास नहीं किया गया है। यहां नए गाइड्स की कोई भर्ती नहीं हुई है और विभाग को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से एक भी स्वदेश दर्शन परियोजना नहीं मिल पाई है।

विश्ववेंद्र ने लिखा कि विभाग के अधिकारी मेरे निरंतर प्रयासों और पहलों के बावजूद, उच्च पर्यटन वृद्धि प्राप्त करने और नए उत्पादों को पेश करने के प्रति उदासीन हैं। पिछले डेढ़ वर्षों में, विभाग एक नई टूरिज्म पॉलिसी पेश करने में असमर्थ रहा है। मंत्री ने लिखा कि मैंने बहुत लंबे समय तक, अपने स्वभाव और कार्य नैतिकता के खिलाफ जा कर बहुत सारी चीजों पर चुप्पी बनाए रखी थी, लेकिन मेरे सीएम ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी की वकालत की है और मैं अब पर्यटन विभाग की कमियों को साझा करने के लिए मजबूर हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने ट्वीटस में टैग किया है।

गौरतलब है कि राजस्थान में लाॅकडाउन के बाद से पर्यटन व्यवसाय की कमर टूट गई है। सरकार के पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है। निगग की विभिन्न इकाइयों में करीब 350 कर्मचारी काम करते हैं। राजस्थान पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तेज सिंह राठौड के अनुसार, कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में तो 2018 से पैसा नहीं डाला जा रहा है। लाॅकडाउन के दौरान निगम के सभी होटल और मोटल आदि बंद हैं और पैसा नहीं आ रहा है। अब अनलाॅक वन के बाद इनमें से कुछ में काम शुरू हुआ है। 


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