Move to Jagran APP

लाॅकडाउन के दौरान अपराध कम हुए तो जयपुर पुलिस ने ढूंढ निकाले 2200 मिसिंग स्मार्टफोन

“अपना मोबाइल अपने हाथ जयपुर कमिश्नरेट के साथ“ के तहत तीन टीमें गठित की गई थीं।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:36 PM (IST)
लाॅकडाउन के दौरान अपराध कम हुए तो जयपुर पुलिस ने ढूंढ निकाले 2200 मिसिंग स्मार्टफोन
लाॅकडाउन के दौरान अपराध कम हुए तो जयपुर पुलिस ने ढूंढ निकाले 2200 मिसिंग स्मार्टफोन

जयपुर [मनीष गोधा]। कोरोना संक्रमण के लाॅकडाउन के दौरान जब दूसरे अपराध कम हुए तो जयपुर शहर पुलिस ने पिछले तीन साल में गुम या चोरी हुए 2200 स्मार्टफोन ढूंढ निकाले। इसके लिए विशेष टीमें गठित की गईं और जयपुर समेत राजस्थान के कई जिलों से ये मोबाइल बरामद किए गए। अब इन मोबाइलों को उनके मालिकों तक पहुंचाया जा रहा है।

loksabha election banner

आमतौर पर मोबाइल गुम या चोरी होने के बाद संबधित व्यक्ति पुलिस में शिकायत दर्ज कराता है और उसके मिलने की उम्मीद छोड़ देता है। जयपुर में भी यही हो रहा था। लाॅकडाउन के दौरान जब शहर में अपराध कम थे और कोरोना के लाॅकडाउन की पालना कराने के अलावा कोई दूसरा बड़ा काम पुलिस के पास नहीं था तो यहां के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक गुप्ता को पिछले तीन साल में गुम या चोरी हुए मोबाइल ढूंढने का टास्क सौंपा।

इस काम को “अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ“ नाम दिया गया। तीन टीमें गठित की गई और जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में पडने वाले हर थाने में पिछले तीन साल में मोबाइल गुम या चोरी होने की शिकायतों का डाटा इकटठा किया गया। इसके बाद मोबाइल के आइएमइआइ नंबर के आधार पर इन्हें ट्रेस किया गया। पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान टीम ने करीब 2200 मोबाइल ढूंढे। इनमें से लगभग आठ सौ मोबाइल नियमित प्रक्रिया के तहत थानों से दिया जा चुके है, वहीं 1432 मोबाइल ऐसे है जो राजस्थान के 17-18 जिलों और आसपास के राज्यों से हमने बरामद किए है। पुलिस उपायुक्त अशोक गुप्ता ने बताया कि मोबाइल ट्रेसिंग के दौरान ये मोबाइल राजस्थान के विभिन्न जिलों में एक्टिवेट पाए गए।

बरामदगी के लिए हमने सीकर, चूरू, झुंझुनूं, हनुमानगढ, नागौर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, भरतपुर, करौली, अलवर, कोटा, बूंदी, भीलवाडा, चित्तौडगढ, उदयपुर और सीमावर्ती जिलों में टीमें भेजीं और जिनके पास ये मोबइल थे, उनसे बरामद किए। गुप्ता ने बताया कि किसी के भी पास एक से ज्यादा मोबाइल नहीं मिले और लगभग सभी ऐसे थे, जिनका मोबाइल चोरी करने का उददेश्य नहीं मिला। किसी ने इसे किसी से खरीदा था तो किसी को कहीं पडा मिल गया था। करीब 35-40 मामले ऐसे जरूर मिले जहां चोरी का मामला लगा, उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। यह भी सामने आया है कि कुछ लोग ऐसे मिसिंग मोबाइल खरीद कर नए बिल से बेचते हैं।

इनके बारे में और जानकारी ली जा रही है बरामद किए गए मोबाइलों में से ज्यादातर की कीमत 10 हजार से ज्यादा की है और कई तो 80 हजार रूपए तक की कीमत के मोबाइल हैं। इनकी कुल कीमत करीब दो करोड रूपए है। गुप्ता ने बताया कि कुछ लोगों को हमने आज बुला कर मोबइाल दिया है, बाकी मोबाइल संबंधित थानों में भेज कर संबंधित लोगों को दिए जाएंगे और अब मिसिंग मोबाइल की ट्रेसिंग का सिलसिला लगातार जारी रखा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.