Rajasthan Lockdown: सेल्फ आइसोलेशन का अनूठा तरीका, घर पर ताला लगाकर डोंट डिस्टर्ब का बोर्ड लगाया
Coronavirus. कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने लॉकडाउन के आदेश का पालन करते हुए 21 दिन के लिए घर के बाहर नहीं निकलने का निर्णय लिया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronavirus. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार जहां लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है, जो बाहर निकल रहे हैं उन्हें पुलिस वापस भेज रही है। वहीं, कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के आदेश का पालन करते हुए 21 दिन के लिए घर के बाहर नहीं निकलने का निर्णय लिया। इन परिवारों ने अपने घरों के बाहर एक बोर्ड लगा लगा दिया, डोंट डिस्टर्ब टिल 14 अप्रैल। ये परिवार कोरोना से बचाव की तय गाइडलाइन का जिस शिद्दत के साथ पालन कर रहे हैं, वह दूसरों के लिए अनुकरणीय है।
ऐसा ही एक मामला जोधपुर में सामने आया है। जयपुर के झोटवाड़ा निवासी मो. युनूस ने अपने घर के मुख्य दरवाजे पर एक बोर्ड लगा दिया, जिस पर लिखा है, डोंट डिस्टर्ब टिल-12 अप्रैल। उनका घर का दरवाजा सुबह एक बार केवल दूध लाने के लिए मात्र 15 मिनट के लिए खोला जाता है, फिर वापस बंद कर दिया जाता है।
इसी तरह बाबा हरिशचंद्र मार्ग निवासी सोहन लाल शर्मा ने अपने घर के गेट पर लिखा है कृपया तीन सप्ताह मेल-जोल नहीं करें, घर में ही रहें, हमारे यहां नहीं आएं। इसी तरह जोधपुर के जानकीलाल और रवीन्द्र कच्छवाह ने एक बड़े कागज पर सूचना लिखकर अपने पड़ोसी को दे दी और उसे बोल दिया कि इसे हमारे मकान के गेट पर चस्पा कर दें।
नोटिस लगाने के साथ ही बाहर से ताला लगवाकर चाबी अंदर ले ली। अब परिवार के सभी सदस्य पूरी तरह से अपने मकान में आइसोलेट हैं। हाथ से लिखे इस नोटिस पर लिखा है कि '44 वर्षों से लगातार खुला रहने वाला पुष्पा निवास आम लोगों के लिए बंद है। ईश्वर से प्रार्थना करें, दिन की शुरुआत करने का यहीं सबसे अच्छा तरीका है'। इसी तरह जयपुर के रोहिताश्व कुमार ने अपने घर के बाहर राह चलते व्यक्ति से ताला लगवा दिया और चाबी खुद ले ली। वे अब यह ताला 21 दिन बाद ही खोलेंगे।
एसएमएस अस्पताल में रोबोट कर रहा पॉजिटिव मरीजों की देखभाल
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों तक दवा और भोजन पहुंचाने का काम रोबेड करेगा। मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना वार्ड और आइसोलेशन वार्ड में रोबोट के माध्यम से काम कराया जाएगा। यह एक साथ छह लोगों का काम कर सकता है।
चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में रोबोट सोना 2.5 मरीजों की सेवा करता अगले एक-दो दिन में दिखेगा। यह रोबोट जयपुर के युवक विशेषज्ञ भुवनेश मिश्रा ने बनाया है। अस्पताल के अधीक्षक डीएस मीणा ने बताया कि वर्तमान में 100 से अधिक मेडिकल स्टाफ कोरोना पीड़ितों की मदद में जुटा है। रोबोट के काम करने से इन्हें राहत भी मिलेगी और संक्रमण से भी बचाव होगा।
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