Coronavirus: राजस्थान में शराब की फैक्ट्रियों में बन रहा सैनिटाइजर
Coronavirus. सीएम की अनुमति के बाद सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू हो गया है। चिकित्सा विभाग का ड्रग कंट्रोलर इस पर निगरानी करेगा।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। Coronavirus. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद सैनिटाइजर की मांग बढ़ने से कालाबाजारी भी काफी हो रही है। इस कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान सरकार अब शराब की फैक्ट्रियों में सैनिटाइजर बना रही है। यह सैनिटाइजर शुक्रवार तक लंच होगा। यह सैनिटाइजर देशी शराब की नौ फैक्ट्रियों में बनाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण में सैनिटाइजर, मास्क सहित बचाव के अन्य साधनों की मांग बढ़ने से एक तरफ जहां पर्याप्त मात्रा में ये उपलब्ध नहीं हो पा रहे, वहीं दूसरी तरफ दुकानदार कालाबाजरी कर रहे हैं।
इसी को देखते हुए देशी शराब की फैक्ट्रियों में सैनिटाइजर बनाने का प्रस्ताव राज्य में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य और आबकारी आयुक्त विष्णु चरण मलिक ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष रखा। सीएम की अनुमति के बाद सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू हो गया है। चिकित्सा विभाग का ड्रग कंट्रोलर इस पर निगरानी करेगा। यह दवाई की दुकानों के साथ ही अन्य सभी व्यापारिक संस्थानों पर उपलब्ध रहेगा और इसकी कीमत मार्केट में मिलने वाले अन्य कंपनियों के सैनिटाइजर से कम होगी।
सैनिटाइजर बनाने के लिए सरकार ने जिन नौ देशी शराब की फैक्ट्रियों को अधिकृत किया है। सैनिटाइजर बनाने वालों में पांच सरकारी और चार प्राइवेट फैक्ट्री शामिल हैं। इनमें जयपुर में सरकार की गंगानगर शुगर मील के जयपुर, जोधपुर व कोटा के रेडियेंटेशन सेंटर, हनुमानगढ़ फैक्ट्री और सीकर जिले की एग्रो बायोटेक इंडस्ट्रीज व एग्रो इंडस्ट्रीज, अलवर की विंटेज डिस्टलरी और ग्लोबस स्प्रिट शामिल है।
जेल में कैदी बना रहे मास्क
अलवर सेंट्रल जेल में 20 कैदी सूती कपड़े के मास्क बना रहे हैं। ये मास्क जेल के स्टाफ, कैदियों, उनके परिजनों व समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल में रहने वाली विधवा व निराक्षित महिलाओं के लिए बनाए जा रहे हैं। जेल अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि 15 मशीनों पर ये कैदी मास्क बना रहे हैं। ये मासक सूती कपड़े के दो लेयर के मास्क बनाए जा रहे हैं। वहीं, चूरू में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं सूती कपड़े के मास्क बना रही हैं। ये मास्क लोगों को निशुल्क वितरित किए जा रहे हैं।
राज्यपाल ने राजभवन की मेडिकल टीम को अस्पताल भेजा
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र कोरोना से बचाव को लेकर किए जा रहे सरकारी प्रयासों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। राज्यपाल ने राजभवन में हमेशा तैनात रहने वाली मेडिकल टीम को एसएमएस अस्पताल भेज दिया। उन्होंने कहा कि पहली जरूरत आम लोगों की मदद की है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन का समर्थन करते हैं। प्रदेशवासियों को भी इसका पालन करना चाहिए।
हाईकोर्ट ने सख्ती से लॉकडाउन कराने का आदेश दिया
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने देश में सबसे पहले लॉकडाउन किया, दो जिलों में कर्फ्यू भी लगाया, लेकिन लोग इसका सही तरह से पालन नहीं कर रहे हैं। इस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। वकील शहबान नकवी की ओर से लिखे गए एक पत्र पर हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जाए।
जस्टिस महांति और जस्टिस सतीश कुमार शर्मा ने आदेश में कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने इस महामारी को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं, लेकिन यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। सरकार लॉक डाउन की पालना सही ढंग से नहीं करा पा रही है। हाईकोर्ट ने अब सख्ती करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में कोरोना के चार नए पॉजिटिव सामने आए, अब तक मिले 36 केस