udaipur Crime: दुष्कर्म पीडि़ता की रिपोर्ट गंभीरता से नहीं लेने पर सायरा थानाधिकारी निलंबित
सायरा थाना पुलिस ने पीडि़ता की बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसका मेडिकल तक नहीं करवाया और ना ही कोई कार्रवाई की जिसके चलते थानाधिकारी शंकरलाल राव को निलंबित किया गया है।
उदयपुर, जेएनएन। misdeed girl in udaipur दुष्कर्म पीडि़ता की रिपोर्ट गंभीरता से नहीं लेने पर उदयपुर जिले के सायरा थानाधिकारी पर गाज गिरी है। पुलिस अधीक्षक कैलाश चंद्र विश्नोई ने मंगलवार को उसे निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद्र विश्नोई ने बताया कि सोमवार रात एक नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता को गंभीर हालत में उदयपुर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सा अधिकारी की सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक अस्पताल पहुंची। जहां पीडि़ता से हुई बातचीत से खुलासा हुआ कि वह गत 12 मार्च को थाने पहुंची थी लेकिन पुलिस ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया। सायरा थाना पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल तक नहीं करवाया और ना ही कोई कार्रवाई की जिसके चलते थानाधिकारी शंकरलाल राव को निलंबित किया गया है।
तीन दिन तक बंधक बनाकर दुष्कर्म
बताया गया कि चौदह वर्षीया पीडि़ता होली दहन के बाद अपनी बहन के साथ घर लौट रही थी। रास्ते मं किरण पुत्र प्रकाश तथा उसका भतीजा कैलाश पुत्र हुसा गरासिया ने पीडि़ता का अपहरण कर लिया तथा उसकी बहन को डरा-धमकाकर भगा दिया। आरोपियों ने तीन दिन तक उसे अपने घर में बंधक बनाकर रखा। इस बीच कैलाश ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बारह मार्च को वे पीडि़ता को उसके घर पास छोडक़र भाग गए।
पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया मामला
पीडि़ता के घर वालों को आपबीती बताने के बाद वह अपने पिता को लेकर थाने पहुंची तथा दुष्कर्म की शिकायत दी। पुलिस ने पीडि़ता को रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया और ना ही उसका मेडिकल कराया।
सोमवार रात जब उसकी हालत बिगड़ी तो परिजन उसे गोगुंदा अस्पताल लेकर पहुंचे जहां से उसे उदयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। देर रात पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी ने उसके बयान लिए तथा दुष्कर्म का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को नामजद करते हुए उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।