Citizenship Amendment Act: सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची गहलोत सरकार
Citizenship Amendment Act सीएए की वैधता को चुनौती देते हुए गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर किया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सीएए की वैधता को चुनौती देते हुए गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर किया है। इस वाद में सुप्रीम कोर्ट से सीएए कानून को रद करने का आग्रह किया गया है।
राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सीएए के खिलाफ वाद दायर किया है। केरल और पंजाब के बाद इस तरह का वाद दायर करने वाला राजस्थान देश का तीसरा राज्य है। गहलोत सरकार ने सीएए कानून को संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला बताया है। वाद में कहा गया है कि यह कानून मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह कानून अनुचित और तर्कहीन है,क्योंकि यह कानून धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव करता है। सिंघवी का कहना है कि संविधान का अनुच्छेद 131 एक या एक से अधिक राज्यों और केंद्र सरकार के बीच विवादों में सुप्रीम कोर्ट को फैसला करने का अधिकार देता है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर सीएए को 10 जनवरी से लागू किया है। इस कानून में अफगानिस्तान,पाकिस्तान और बांग्लादेश से साल 2015 के पहले भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। राज्य के सीएम गहलोत शुरू से ही सीएए के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलते रहे हैं। राज्य सरकार ने विधानसभा में सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराया है।
वहीं, दूसरी ओर राजस्थान भाजपा ने सीएए के समर्थन में काफी प्रचार किया है। जबकि सीेएम अशोक गहलोत कई बार कह चुके हैं कि वह राजस्थान में सीएए को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।