Coronavirus: जयपुर, जोधपुर व कोटा के छह नगर निगमों के चुनाव पर असमंजस बरकरार
Coronavirus राजस्थान के तीन बड़े शहरों जयपुर जोधपुर और कोटा के छह नगर निगमों के चुनाव पांच अप्रैल को होने हैं।
जयपुर, जेएनएन। Coronavirus: राजस्थान के तीन बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर और कोटा के छह नगर निगमों के चुनाव पर जारी असमंजस सोमवार को भी बना रहा। इस मामले में निर्वाचन आयोग ने सरकार को कहा कि आयोग कोर्ट के आदेश से बंधा है और चुनाव के लिए तैयार है। सरकार चुनाव स्थगित कराना चाहती है तो कोर्ट में जाए। वहीं, आयोग के पत्र के बाद अब संभावना है कि सरकार का स्वायत्त शासन विभाग मंगलवार को हाईकोर्ट में चुनाव स्थगित करने का प्रार्थना पत्र दे सकता है।
जयपुर, कोटा व जोधपुर में निर्वाचन आयेाग ने पांच अप्रैल को चुनाव कराने की तिथि घोषित की हुई है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ये चुनाव आगे किए जाने की मांग उठ रही है। तीनों जिलों के जिला कलक्टर सरकार को चुनाव स्थगित करने की सिफारिश कर चुके हैं और इसी आधार पर सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज कर चुनाव आगे करने की सिफारिश की थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आयोग ने सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि आयेाग सिर्फ चुनाव कराने वाली संस्था है और हाईकोर्ट ने आयोग को 18 अप्रैल तक तीनों शहरों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दे रखे है। इस हिसाब से आयोग की तैयारी पूरी है। अब किसी भी स्थिति में चुनाव स्थगित करने हैं तो सरकार इस पर निर्णय करे।
ऐसे में अब गेंद सरकार के पाले में आ गई है। स्वायत्त शासन विभाग के सूत्रों का कहना है कि आयोग का पत्र आ गया है और कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए जाने के बारे में अतिरिक्त महाधिवक्ता से चर्चा की गई है। संभावना यह है कि मंगलवार को सरकार की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे दिया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एडवाइजरी को देखते हुए चुनाव स्थगित करने की अपील की प्रार्थना की जाएगी। वैसे इस बारे में अधिवक्ता पूनमचंद भण्डारी की ओर से भी एक याचिका कोर्ट में दी जा चुकी है। इस याचिका में भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव स्थगित करने की अपील की गई है।
गौरतलब है कि राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और कोटा के छह नगर निगमों के इस चुनाव में 35 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और जिला कलक्टरों ने यह तर्क दिया था कि चुनाव में मतदान केंद्रों पर जुटने वाली भीड़ और ईवीएम संक्रमण का कारण बनती है, इसलिए यह चुनाव स्थगित किया जाना चाहिए।