राजस्थान में जिला कलक्टर देखेंगे बुर्जुगों की सेवा हो रही है या नहीं
राजस्थान में जिला कलक्टर इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके जिले में बुजुर्गो की देखभाल उनके परिवार वाले सही ढंग से कर रहे हैं या नही।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में जिला कलक्टर इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके जिले में बुजुर्गो की देखभाल उनके परिवार वाले सही ढंग से कर रहे हैं या नही। इसके लिए जिला कलक्टर हर उपखण्ड में वहां के उपखण्ड अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकेंगे।
दरअसल राजस्थान में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम लागू है। इसके तहत अब सरकार ने तय किया है कि यह कानून प्रभावी ढंग से लागू हो इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी को नोडल ऑफिसर नियुक्त कर सकेगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ समय से मिल सके।
राज्य सरकार द्वारा इस अधिनियम के तहत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को जीवन तथा सम्पत्ति की सुरक्षा देने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के कुछ काम भी तय किए गए है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने बताया कि राज्य का भौगोलिक क्षेत्र बहुत व्यापक होने के कारण प्रत्येक जिले के अधीन आने वाला क्षेत्र भी बहुत बडा है। ऐसी स्थिति में अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन में दिक्कत आती है। अतः अधिनियम के प्रावधानों को व्यापक रूप से लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी को नोेडल अधिकारी बनाने का प्रावधान किया गया है।
अरोड़ा ने बताया कि अधिनियम के तहत जिला मजिस्ट्रेट जिले में इस अधिनियम के प्रावधानों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले के वरिष्ठ नागरिकों का जीवन और सम्पत्ति सुरक्षित है तथा वे गरिमा के साथ अपना जीवन यापन करने में समर्थ हैं। जिला मजिस्ट्रेट को भरणपोषण के आवेदनों के यथासमय निपटान तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसके अतिरिक्त वृद्धाश्रमों के निरीक्षण और मानकों की मॉनिटरिंग करना, आपात स्थितियों में वरिष्ठ नागरिकों को सहायता तथा राहत उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी जिला मजिस्ट्रेट की होगी।