Rajasthan: राजस्थान भाजपा के 300 से ज्यादा नेता दिल्ली में जुटे
Rajasthan BJP. राजस्थान के नेताओं का दावा है कि इस बार दिल्ली में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी।
जयपुर, जेएनएन। Rajasthan BJP. आठ फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए राजस्थान भाजपा के 300 से ज्यादा नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। राज्य के नेताओं का दावा है कि इस बार दिल्ली में पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित पार्टी के सभी बड़े नेता इन दिनों दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में प्रचार कर रहे हैं। राजस्थान से दिल्ली गए नेताओं के समन्वय का काम भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा देख रहे हैं। प्रदेश के नेताओं के साथ ही राजस्थान से तीन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल व राज्य के अधिकतर पार्टी सांसद भी दिल्ली में सभाएं कर रहे हैं।
वसुंधरा राजे कर रहीं सभाएं
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रमेश खन्ना और पालम विधानसभा में प्रत्याशी विजय पंडित के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किय। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अंबेडकर नगर विधानसभा और कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क कर वोट मांगे। विधायक कालीचरण सराफ अशोक लाहोटी और रामलाल शर्मा भी दिल्ली में डेरा डाले हैं।
वहीं, सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी बहस के बीच हो रहे दिल्ली विधानसभा के चुनाव में मध्य प्रदेश भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश के 30 से अधिक भाजपा नेता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों में करीब एक पखवाड़े से मोर्चा संभाले हुए हैं। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आधा दर्जन पूर्व मंत्री और सभी 28 सांसदों को दिल्ली में चुनाव प्रबंधन और प्रचार में पार्टी ने लगाया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली चुनाव में मप्र के कई नेताओं की ड्यूटी अलग-अलग विधानसभा सीट पर लगाई गई है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, उमाशंकर गुप्ता, विधायक अरविंद भदौरिया, रामेश्वर शर्मा, मोहन यादव, कृष्णा गौर, पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह, सांसद वीडी शर्मा, सांसद सुधीर गुप्ता सहित कई नेताओं को जनवरी के आखिरी सप्ताह में ही दिल्ली भेज दिया गया था।