राजस्थान में टिड्डी प्रभावित क्षेत्र को राष्ट्रीय आपदा क्षेत्र घोषित करने की मांग
राजस्थान में करीब 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को टिड्डी दलों ने नुकसान पहुंचाया है इस नुकसान को देखते हुए राजस्थान सरकार ने पीएम मोदी से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है।
जयपुर, जेएनएन। टिड्डी दलों ने राजस्थान के 12 जिलों के करीब 7 लाख हेक्टेयर में क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान के बाद राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टिड्डी से हो रहे नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। इस संबंध में प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 12 जिलों में टिड्डी का प्रकोप है।
अब भी पाकिस्तान से टिड्डी के नए दल आने का सिलसिला जारी है। उन्होंने टिड्डी नियंत्रण दल को आधुनिक उपकरण एवं भविष्य में इस प्रकार की आपदा से बचने के लिए ठोस कार्य योजना बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पाक सीमा से सटे प्रदेश के जिलों में काफी खराबा हुआ है।
भारत-पाक सीमा से सटे राज्यों में टिड्डी प्रकोप को इसकी भयावहता एवं नुकसान को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। चौधरी ने कहा कि 20 देश टिड्डी प्रकोप से प्रभावित हैं, सोमालिया और पाकिस्तान ने टिड्डी समस्या का राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है। राजस्थान, पंजाब, गुजरात राज्य इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हैं।
राजस्थान में मार्च 2019 से टिड्डी दलों का भयंकर प्रकोप शुरू हुआ था, जो अभी तक जारी है। वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, पाली, जोधपुर, सिरोही सहित 12 जिलों में टिड्डी दलों ने बड़ी तादाद में फसलों को नष्ट किया है। बाड़मेर जिले में दो किसानों की टिड्डी हमले के सदमे से मौत हो गई है।
विधानसभा में सबसे अधिक सवाल टिड्डी दलों के हमले पर
राज्य विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू होगा । विधानसभा सत्र के लिए विधायकों ने करीब 700 सवाल अब तक लगाए हैं । इनमें से अधिकांश सवाल टिड्डी दलों से फसल के नुकसान और किसान कर्ज माफी को लेकर है । विधायकों ने पूछा है कि टिड्डी दलों के कारण कितना खराबा हुआ और सरकार मुआवजे को लेकर क्या विचार कर रही है । विधायकों द्वारा लगाए गए सवालों को विधानसभा सचिवालय द्वारा कृषि मंत्री के कार्यालय में भेजा है । अब सदन की कार्रवाई के दौरान कृषि मंत्री इन सवालों का जवाब देंगे ।
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