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Rajasthan: 20 हजार गांवों में नहीं है सरकारी बसों की सुविधा

Government Bus in Rajasthan. राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन करने का प्रयास कर रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 03:22 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 03:22 PM (IST)
Rajasthan: 20 हजार गांवों में नहीं है सरकारी बसों की सुविधा
Rajasthan: 20 हजार गांवों में नहीं है सरकारी बसों की सुविधा

जयपुर, जागरण संवाददाता। Government Bus in Rajasthan. देश की आजादी के 72 साल बाद भी राजस्थान के 20 हजार गांवों में सरकारी बसों की सुविधा नहीं है। इन गांवों में राजस्थान रोडवेज की बसों का संचालन नहीं होने के कारण मजबूरन लोगों को निजी बसों में सफर करना पड़ता है। 20 हजार गांवों में सरकारी बसें नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण आर्थिक संकट से जूझता रोडवेज प्रशासन है। करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रहे रोडवेज प्रशासन को इन गांवों में सरकारी बसों का संचालन करने के लिए दो हजार नई बसें खरीदने की जरूरत पड़ेगी।

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राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन करने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं। यह पता कराया जा रहा है कि किन-किन गांवों में रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो रहा है। सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर रोडवेज बसों का संचालन करना चाहती है।

दस साल से कागजों में बन रही योजना

सरकारी आंकलन के मुताबिक, करीब तीन हजार गांव सरकारी बस सेवा से वंचित हैं। पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने खजाना खाली होने का बहाना बनाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोक परिवहन नाम से निजी बस संचालकों को अपनी बसें संचालित करने की अनुमति दी। सरकार ने प्रदेश के सभी शहरों एवं कस्बों में रोडवेज के बस स्टैंडों से इन बसों को संचालित करने के निर्देश भी दिए, लेकिन निजी बस संचालकों ने मनमाना किराया वसूला तो लोगों ने खासकर भाजपा के नेताओं ने विरोध किया। करीब एक साल बाद ही इन बसों का भी संचालन रोडवेज बस स्टैंडों से होना बंद हो गया।

विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने घाटे में डूबी रोडवेज को लाभ में लाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का संचालन करने का वादा किया था, लेकिन गहलोत सरकार के 11 माह का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं हो सका है। रोडवेज कर्मचारी संगठनों के संयुक्त महासंघ के महासचिव एमएल यादव ने बताया कि अगर सरकारी पूरी तरह से रोड़वेज की मदद करे तो निश्चित ही सभी ग्रामीण अंचलों में लोगों को सस्ती और सुविधाजनक बस सुविधा मिल सकेगी।

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