राजस्थान में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दो विधायकों को पांच घंटे थाने में बैठना पड़ा, सीआईडी करेगी जांच
Rajasthan MLA. राजस्थान में दो विधायकों को एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पांच घंटे तक पुलिस थाने में बैठे रहना पड़ा।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलएपी) के दो विधायकों को उपखंड अधिकारी (एसडीएम) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पांच घंटे तक पुलिस थाने में बैठे रहना पड़ा। पुलिस ने दोनों विधायकों की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज करने से ही इनकार कर दिया। काफी हंगामे और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा उग्र आंदोलन की चेतावनी के बाद सोमवार देर रात बारह बजे पुलिस ने एसडीएम के खिलाफ मामला दर्ज किया। उधर, एसडीएम ने भी दोनों विधायकों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया है। सरकार ने पूरे मामले की जांच सीआईडी,सीबी को सौंप दी है।
एसडीएम ने विधायकों के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
दरअसल, नागौर के ताऊसर के बंजारों की ढाणी में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के मामले में एसडीएम दीपांशु सांगवान और आरएलपी के दो विधायकों पुखराज गर्ग व इंदिरा बावरी के बीच विवाद हो गया था। एसडीएम अतिक्रमण हटवा रहे थे, वहीं दोनों विधायक अतिक्रमण हटाने के खिलाफ थे। अतिक्रमण हटाने के दौरान जेसीबी चालक फारूख की मौत भी हो गई। विवाद बढ़ा तो एसडीएम और मृतक फारूख के भाई शक्कूर ने दोनों विधायकों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने व हत्या का केस दर्ज कराया।
उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों ने अतिक्रमण हटाने गए दल को रोकने के साथ ही मारपीट की, वहीं पथराव में जेसीबी चालक की मौत हो गई। उधर, विधायक पुखराज गर्ग और इंदिरा बावरी ने एसडीएम के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने, अपमानित करने और गालियां देने का मामला दर्ज कराया। काफी हंगामे के बाद दोनों विधायकों की रिपोर्ट पर एसडीएम के खिलाफ एससी,एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। दोनों विधायकों ने नागौर कोतवाली थाने में संयुक्त रिपोर्ट दी है।
गौरतलब है कि रविवार को ताऊसर गांव के बंजारों की ढाणी में हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए अतिक्रमण के मामले को लेकर सोमवार शाम को सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में नागौर कलेक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन किया गया था। धरने के दौरान बंजारा समाज के पुनर्वास, नुकसान का मुआवजा देने की मांग कलेक्टर के मार्फत सरकार को भेजी गई। एसडीएम दिपांशु सांगवान पर दोनों विधायकों ने धमकाने व जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाया था। इस बारे में मुकदमा दर्ज करने पर सोमवार शाम को दोनों विधायक मुकदमा दर्ज कराने कोतवाली पुलिस थाने पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया। दोनों विधायक करीब पांच घंटे तक पुलिस थाने में ही बैठे रहे। बाद में सांसद हनुमान बेनीवाल समर्थकों के साथ पुलिस थाने पहुंचे तब हंगामा बढ़ता देख मुकदमा दर्ज किया गया।
जिला कलेक्टर बोले, मृतक जेसीबी चालक के परिजनों को 20 लाख का मुआवजा दिया
नागौर जिला कलेक्टर दिनेश यादव ने बताया कि मृतक जेसीबी चालक फारूख के परिजनों को 20 लाख रुपये के मुआवजे का चेक मंगलवार देर शाम सौंपा गया है। इनमें मुख्यमंत्री सहायता कोष, जिला कलेक्टर कोष सहित अन्य स्त्रोतों से एकत्रित रकम शामिल है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किस से कितना पैसा दिया गया ।
पुलिस अधीक्षक बोले, सीआईडी व सीबी जांच करेगी
नागौर पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने बताया कि एसडीएम की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में दोनों विधायक आरोपित हैं। जनप्रतिनिधियों से जुड़ा हुआ मामला होने के कारण जांच सीआईडी व सीबी करेगी। सरकार से इस बारे में निर्देश मिले हैं। विधायकों द्वारा दी गई रिपोर्ट सहित पूरे मामले की जांच अब सीआईडी व सीबी ही करेगी।
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