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राजस्थान के सरकारी कर्मचारी आरएसएस व जमात ए इस्लामी की गतिविधियों में नहीं हो सकेंगे शामिल

Rajasthan government. राजस्थान के सरकारी कर्मचारी आरएसएस व जमात ए इस्लामी की गतिविधियों में नहीं शामिल होसकेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 03:53 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 03:53 PM (IST)
राजस्थान के सरकारी कर्मचारी आरएसएस व जमात ए इस्लामी की गतिविधियों में नहीं हो सकेंगे शामिल
राजस्थान के सरकारी कर्मचारी आरएसएस व जमात ए इस्लामी की गतिविधियों में नहीं हो सकेंगे शामिल

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सरकारी कर्मचारी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जमात ए इस्लामी जैसे संगठनों की गतिविधियों से नहीं जुड़ सकेंगे। काई भी सरकारी कर्मचारी यदि आरएसएस और जमाते इस्लामी की गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। आरएसएस और जमाते इस्लामी सहित आधा दर्जन संगठनों की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने को लेकर करीब 38 साल पहले 18 मार्च, 1981 को कार्मिक विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया था। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने एक बार फिर इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने को लेकर सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

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इस संबंध में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता व कार्मिक सचिव रोली सिंह ने विभागाध्यक्षों को सरकार की मंशा बताते हुए कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी आरएसएस, जमाते इस्लामी सहित आधा दर्जन संगठनों की गतिविधियों में शामिल होता है तो उसके खिलाफ राजस्थान कार्मिक आचरण नियम-1971 के उप नियम सात और आठ के तहत कार्रवाई की जाए।

विभागाध्यक्षों को सख्त कदम उठाने के निर्देश 

सरकार ने आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर सख्ती से रोक लगाने को लेकर विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी करने के साथ ही सीआईडी, सीबी को भी ऐसे कर्मचारियों पर निगरानी रखने के लिए अनौपचारिक रूप से कहा है। वैसे तो सीएम अशोक गहलोत आरएसएस को फासिस्ट बताते हुए सरकारी कर्मचारियों को इससे दूर रहने की हिदायत देते रहे हैं, लेकिन अब वे अपने विचार का कड़ाई से पालन कराना चाहते हैं। इसी के तहत उन्होंने अपनी मंशा मुख्य सचिव व कार्मिक सचिव को बताई है।

राज्य सरकार ने पिछले दिनों निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को इस बारे में भेजे गए एक प्रश्न के जवाब में कहा कि आरएसएस और जमाते इस्लामी सहित अन्य संगठनों को लेकर साल 1981 को जारी किया गया परिपत्र आज भी अमल में लाया जा रहा है। अब इस परिपत्र का कड़ाई से पालन होगा। संयम लोढ़ा ने पूछा था कि क्या सरकार का कर्मचारी आरएसएस की सदस्यता ले सकता है। इस बारे में 20वीं सदी का क्या नियम है। क्या 21वीं सदी में इसमें बदलाव किया गया है। कार्मिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारी, आरएसएस, जमाते इस्लामी, भारतीय प्रोटिस्ट मंच, अंगिका समाज, बुंदेला समाज,भारतीय प्रगतिशील संघ आदि संगठनों की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारी शामिल नहीं हो सकेंगे। 

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