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पश्चिमी राजस्थान में यूनेस्को विकसित करेगा दस पर्यटन केंद्र

UNESCO. राजस्थान की प्रमुख पर्यटन सचिव श्रेया गुहा और यूनेस्को के कंट्री डायरेक्टर एरिक फॉल्ट ने इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 07:06 PM (IST)
पश्चिमी राजस्थान में यूनेस्को विकसित करेगा दस पर्यटन केंद्र
पश्चिमी राजस्थान में यूनेस्को विकसित करेगा दस पर्यटन केंद्र

जयपुर, जेएनएन। हाल ही में जयपुर के परकोटा क्षेत्र को विश्व विरासत का दर्जा देने वाला यूनेस्को अब पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों में दस नए पर्यटक केंद्र विकसित करेगा। इन पर्यटक केंद्रों में पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर के हस्तशिल्प, लोक नृत्य व संगीत, रंगमंच आदि की प्राचीन विरासत देखी जा सकेगी। राजस्थान सरकार और यूनेस्को ने इसके लिए एक समझौता किया है। राजस्थान की प्रमुख पर्यटन सचिव श्रेया गुहा और यूनेस्को के कंट्री डायरेक्टर एरिक फॉल्ट ने इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत यूनेस्को 42 महीने तक जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर में एक विशेष पर्यटन सर्किट तैयार करने का काम करेगा।

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पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर यूं तो देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हर वर्ष सर्दियों में दुनिया भर के पर्यटक रेगिस्तान देखने जोधपुर, बीकानेर और जैसलमेर आते हैं। इस कड़ी में अब तक बाड़मेर शामिल नहीं था। पर्यटक जैसलमेर, जोधपुर और बीकानेर से ही लौट जाते हैं। इसका एक बडा कारण यह है कि बाड़मेर पाकिस्तानी सीमा से बहुत नजदीक है और इस जिले में पर्यटक स्थल भी नहीं है, जैसे जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर में हैं। हालांकि यहां की सांस्कृतिक विरासत बहुत पुरानी है। इसके अलावा औद्योगिक दृष्टि से भी यह जिला काफी समृद्ध रहा है। अब यह देश मे तेल उत्पादन का बड़ा केंद्र बन गया है और सरकार यहां रिफाइनरी भी स्थापित कर रही है।

यूनेस्को अपनी परियोजना के तहत इन चार जिलों के दस नए पर्यटनस्थलों का विकास करेगा। इन पर्यटन स्थलों पर इन जिलों की सांस्कृतिक विरासत को देखा जा सकेगा। इसके अलावा जोधपुर के 450, बाड़मेर के 550 और जैसलमेर व बीकानेर के 250-250 लोक कलाकारों का चयन किया जाएगा, जो अपने आने क्षेत्र की हस्तशिल्प और नृत्य संगीत की विधाओं को विश्व पर्यटन पटल पर ले जाएंगे। इससे इन जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इन जिलों की सांस्कृतिक विरासत से लोग परिचित हो सकेंगे।

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अगले चरण में पूर्वी राजस्थान को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल करने का आग्रह किया है। प्रमुख सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि इस एमओयू के बाद इन चारों जिलों की सांस्कृतिक धरोहर देश दुनिया तक पहुंचेगी।


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