पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में कांग्रेस विधायक ने सरकार पर उठाई उंगली
राजस्थान में पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने अपनी ही सरकार के निर्णय पर उंगली उठाई है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में चूरू जिले के सरदारशहर पुलिस थाने में थाना अधिकारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा ने अपनी ही सरकार के निर्णय पर उंगली उठाई है। भंवरलाल शर्मा की मानें तो दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म नहीं किया गया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करना गलत है।
भंवरलाल शर्मा ने दावा किया कि पुलिस हिरासत में मरने वाला युवक चोर था, जिसकी ग्रामीणों ने पिटाई की थी।उन्होंने पुलिस हिरासत में युवक की मौत और उसकी भाभी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला गलत है। यह केवल पुलिसकर्मियों को फंसाने के लिए रचा गया है। पुलिसकर्मियों द्वारा महिला के नाखून उखाड़े जाने के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि महिला के नाखून की बनावट ही ऐसी है।
भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उधर इस मामले के विरोध में नायक समाज की ओर से मंगलवार को विधानसभा पर धरना दिया गया।
एसपी सहित आधा दर्जन पुलिसकमियों को हटाया
उल्लेखनीय है कि सोमवार को चूरू में युवक की हिरासत में मौत और उसकी भाभी के साथ सामूहिक दुष्कम्र के आरोप में पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
सरदारशहर पुलिस थाना अधिकारी रणवीर सिंह सहित आधा दर्जन पुलिस कर्मियों पर केस दर्ज किया गया है। साथ ही इस मामले की जांच सीआईडी सीबी जयपुर को सौंपी गई थी। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतक की भाभी को पुलिस ने चोरी के केस में आठ दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया।
मामला सुर्खियों में आने के बाद चूरू के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार को हटाकर पदस्थापन आदेश की प्रतिक्षा में रखा गया। युवक की मौत के बाद थाना अधिकारी के साथ एक हेड कॉन्स्टेबल और छह कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है।