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सीमापार बारात जाती, दुल्हन साथ नहीं आती; कई दूल्हे तो विवाह बाद पाक में ही रह गए

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दुल्हन को वीजा नहीं देना है। कुछ मामलों में दुल्हन यहां नहीं आई तो दूल्हा भी पाकिस्तान में ही रह गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:00 AM (IST)
सीमापार बारात जाती, दुल्हन साथ नहीं आती; कई दूल्हे तो विवाह बाद पाक में ही रह गए
सीमापार बारात जाती, दुल्हन साथ नहीं आती; कई दूल्हे तो विवाह बाद पाक में ही रह गए

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। पाक सीमा से सटे राजस्थान के जैसलमेर,बाड़मेर और जोधपुर जिलों में रहने वाले सोढ़ा राजपूत परिवारों में बारात सीमापार पाकिस्तान जाती है, वहां विवाह भी होता है, लेकिन बारात की वापसी में दुल्हन साथ नहीं आ पाती है। इसका मुख्य कारण भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दुल्हन को वीजा देने के मामले को लटकाए रखना है। तीनों सीमावर्ती जिलों में करीब पांच दर्जन सोढ़ा राजपूत परिवार ऐसे है,जिनके लड़कों का विवाह पिछले पांच साल में पाकिस्तान के अमरकोट जिले में हुआ है। इनमें से अधिकांश में दुल्हन अपने ससुराल भारत में नहीं आ सकी है। पुलवामा हमले के बाद कई विवाह ही रोकने पड़े है।

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राजस्थान के तीन जिलों के कई परिवार परेशान

राजस्थान सीमा से सटे पाकिस्तान के इलाकों में बड़ी संख्या में सोढ़ा राजपूत रहते है। वे अपने लड़के-लड़कियों का विवाह भारत में करना चाहते है। भारत में भी राजस्थान के जैसलमेर,बाड़मेर और जोधपुर जिलों में सोढ़ा राजपूत परिवार बसे हुए है। इन तीनों जिलों में रहने वाले अधिकांश सोढ़ा राजपूत परिवारों में लड़के-लड़कियों का विवाह पाकिस्तान में हुआ है।

पाक विस्थापितों के लिए पिछले दो दशक से काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता हिंदू सिंह सोढ़ा का कहना है कि तीनों जिलों में रहने वाले सोढ़ा राजपूत समाज के युवक-युवतियां पढ़े लिखे होने के कारण पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की पहली पसंद है। पाकिस्तान में हिंदु अल्पसंख्यक होने के कारण वे भारत में आकर बसना चाहते है। यहां बसने में शादियां महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। कई मामलों में विवाह भी हुए दूल्हे के साथ उसके परिजन बारात में पाकिस्तान गए,वहां विवाह भी हुआ,लेकिन दुल्हन यहां नहीं आ सकती। इसका कारण भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दुल्हन को वीजा नहीं देना है। कुछ मामलों में दुल्हन यहां नहीं आई तो दूल्हा भी पाकिस्तान में ही रह गया।

अब दूल्हे के माता-पिता वीडियो कॉलिंग से या फिर स्काइप पर अपने बेटे और बहू का चेहरा देखने के साथ ही बात करते है। हिंदू सिंह सोढ़ा ने बताया कि ऐसा ही एक मामला जैसलमेर के विक्रम सिंह भाटी का है। भाटी की बारात पाकिस्तान के सिनोई गांव में गई। उसके साथ पांच परिजनों को जाने की अनुमति मिली। माता-पिता बारात में नहीं जा सके,उन्हे उम्मीद थी कि विवाह के बाद बेटा और बहू दोनों आ जाएंगे,लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय से वीजा नहीं मिलने के कारण बहू नहीं आई। बहू नहीं आई तो बेटा भी वहीं रह गया। इस तरह के कई मामले है,जिनमे सोढ़ा राजपूत परिवार परेशान हो रहे है।  


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