गहलोत व पायलट में खींचतान पर भाजपा विधायक बोले, गोवा व कर्नाटक का असर राजस्थान में भी होगा
Rajasthan Government. भाजपा विधायकों के मुताबिक राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कुछ ही समय की है। शीघ्र ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। कर्नाटक और गोवा में राजनीतिक घमासान के बाद जल्द ही राजस्थान में कांग्रेस में भी उठापटक मच सकती है। शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ विधायकों ने दावा किया कि अशोक गहलोत सरकार कुछ ही समय की है, शीघ्र ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।
विधानसभा भवन में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी व अशोक लाहोटी ने कहा कि राजस्थान में भी अब गोवा व कर्नाटक की तर्ज पर उठापटक होगी। अगले दो महीने में यहां भगदड़ मचना तय है।
पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ का कहना है कि राज्य में जल्द ही मध्यावधि चुनाव होंगे।गहलोत सरकार का गिरना तय है। कांग्रेस के कई विधायक उनका साथ छोड़ने को तैयार बैठे है। सराफ ने कहा कि कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है। कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई का भाजपा को फायदा मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री बोले, कांग्रेस के सारे विधायक पार्टी के साथ
इधर, भाजपा नेताओं की इस बयानबाजी के बाद एक बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी पर बहस शुरू हो गई है। इस बयानबाजी के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि कांग्रेस के सारे विधायक पार्टी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायकों समेत कुल 119 विधायकों का बहुमत हासिल है। इस संख्या बल के आधार पर कांग्रेस सरकार पर बहुमत को लेकर कोई संकट नहीं हैं।
गहलोत सरकार को कोई संकट नहीं
उधर, कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत, सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर और बसपा विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गहलोत सरकार को कोई संकट नहीं है। सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। भाजपा पर तोड़फोड़ की राजनीतक का आरोप लगाते हुए इन विधायकों ने कहा कि प्रदेश के लोग गहलोत को पसंद करते हैं।
बसपा और निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधा
भाजपा के वरिष्ठ विधायकों के बयानों के बाद सीएम के निकटस्थ नेताओं ने बसपा के छह और 12 निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधा है। हालांकि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत होने के कारण अधिक चिंता नहीं है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतते हुए हुए इन विधायकों से संपर्क साधा गया है। मुख्यमंत्री के निकट समझे जाने वाले बसपा विधायक राजेंद्र गुढ़ा और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर बसपा व निर्दलीय विधायकों और सरकार के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।
विधानसभा में बहुमत का गणित
200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायक हैं। वहीं, अजीत सिंह की आरएलपी के एक विधायक के साथ ही बसपा के छह और 12 निर्दलीय विधायकों का गहलोत सरकार को समर्थन हासिल है। एक निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ है। विधानसभा में भाजपा के 73 और माकपा के तीन व भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायक हैं। शेष दो अन्य हैं।