वर्दी पर दाग, उप अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक और थाना अधिकारियों पर लगाया वसूली का आरोप
अवैध बजरी खनन माफियाओं से मिलीभगत और वाहनों से चौथ वसूली के लिए धौलपुर के जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना अधिकारियों के साथ मिलकर गैंग बनाने का मामला सामने आया है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। अवैध बजरी खनन माफियाओं से मिलीभगत और वाहनों से चौथ वसूली के लिए धौलपुर के जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर के तीन थाना अधिकारियों के साथ मिलकर प्राइवेट लोगों के सहयोग से गैंग बनाने का मामला सामने आया है।
धौलपुर शहर का यातायात पुलिस थाना अधिकारी भी इसमें शामिल है। पुलिस अधीक्षक अजय सिंह और थाना अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा जिले के पुलिस उप अधीक्षक दिनेश शर्मा ने किया है। उप अधीक्षक दिनेश शर्मा ने एक सप्ताह तक पुलिस अधीक्षक और थाना अधिकारियों का स्टिंग करवाया और फिर मामले का खुलासा करते हुए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा। पत्र के साथ उन्होंने पुलिस अधीक्षक एवं थाना अधिकारियों की मिलीभगत से धौलपुर में बजरी एवं वाहन चोर माफियाओं के पनपने की बात कही है। वहीं पुलिस अधीक्षक ने उप अधीक्षक के आरोपों को नकारते हुए कहा कि जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।
उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रकरण पर नाराजगी जताते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव से रिपोर्ट मांगी है। तीन दिन की दिल्ली यात्रा के बाद गुरूवार को जयपुर लौटे गहलोत ने पुलिस अधिकारियों द्वारा आपस में एक-दूसरे पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए जाने को गलत बताया है। सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता को धौलपुर भेजा है।
यह है पूरा मामला
धौलपुर के पुलिस उप अधीक्षक दिनेश शर्मा ने तीन दिन पहले पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर बताया कि पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के संरक्षण में कोतवाली थाना अधिकारी नवल किशोर,निहालगंज थाना अधिकारी विनोद कुमार,सदर थाना अधिकारी विजय सिंह और यातायात थाना अधिकारी युधिष्ठर ने प्राइवेट लोगों के साथ मिलकर गैंग बनाई है। यह गैंग बजरी खनन माफियाओं और वाहन चालकों से चौथ वसूली करती है। अवैध शराब के कारोबारियों एवं भूमाफियाओं को भी इस गैंग का संरक्षण प्राप्त है। इन लोगों ने धौलपुर शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-3 पर चार पांइट बनकर वसूली का काम चला रखा है।
उप अधीक्षक ने अपने मातहतों के माध्यम से पुलिस अधीक्षक एवं थाना अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे अवैध कारोबार का स्टिंग किया। इस स्टिंग की सीडी पत्र के साथ उन्होंने पुलिस महानिदेशक को भेजी है। उधर जिन थाना अधिकारियों पर आरोप लगे है,उनका कहना है कि उप अधीक्षक खुद ही बजरी माफियाओं से मिले हुए है । वे गलत आरोप लगा रहे है। उप अधीक्षक खुद पकड़े गए बजरी के ट्रक छुडवाने का काम करते है।
महानिदेशक बोले,जांच हो रही है
राज्य के नये पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव का कहना है कि अतिरिक्त महानिदेशक गोविंग गुप्ता को जांच सौंपी गई है। भरतपुर रेंज के सभी सभी जिलों में तैनात अफसरों की कार्यशैली की जांच होगी।