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सजा सुनकर रो पड़े आसाराम, सीने में दर्द की शिकायत

सजा सुनते ही आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा और हाथ जोड़कर जज से उम्र का लिहाज रखते हुए सजा में कमी करने का आग्रह किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 03:55 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 12:15 PM (IST)
सजा सुनकर रो पड़े आसाराम, सीने में दर्द की शिकायत
सजा सुनकर रो पड़े आसाराम, सीने में दर्द की शिकायत

जागरण संवाददाता, जयपुर। नाबालिग के यौन शोषण के आरोप में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहींं, सह आरोपी उसके छिंदवाड़ा स्थित आश्रम की वॉर्डन शिल्पी और सेवादार शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो सह आरोपियों शिवा व प्रकाश को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने आसाराम पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जोधपुर एससी, एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम और दो सह आरोपितों शिल्पी व शरद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। सजा सुनते ही आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा और हाथ जोड़कर जज से उम्र का लिहाज रखते हुए सजा में कमी करने का आग्रह किया। जोर-जोर से रोते हुए आसाराम ने सीने में दर्द की शिकायत की। आसाराम की तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एम्स के चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।

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56 माह पुराने इस मामले में आसाराम को सजा सुनाने के लिए पुलिस के आग्रह पर बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 2 के पास विशेष कोर्ट लगाई गई। एससी,एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा फैसला सुनाने के लिए सुबह करीब 9 बजे ही जेल पहंच गए। जेल में कोर्ट के स्टाफ,आसाराम के 14 वकीलों और 2 सरकारी वकीलों सहित कुल 30 लोगों को ही प्रवेश दिया गया। जज ने पहले तो आसाराम और दो सह आरोपियों शिल्पी एवं शरद को दोषी करार दिया और फिर दो अन्य सह आरोपितों प्रकाश एवं शिवा को सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद जज आसाराम, शिल्पी और शरद का फैसला लिखवाया।

इस दौरान करीब तीन घंटे तक आसाराम अस्थाई कोर्ट रूम में ही सिर पकड़कर बैठे रहा। इसके बाद 2:45 बजे जज ने आसाराम को उम्रकैद, शिल्पी एवं शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई। जज ने सीआरपीसी की धारा 342,धारा 376 डी, 376 (2 एफ ), 376 (डी), धारा 506, धारा 370ए, 370(4) धारा 120 बी के तहत सजा सुनाई। धारा 376 (2एफ ) में एक लाख का जुर्माना एवं धारा 370 (4) एवं धारा 342 में एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, शिल्पी और शरद को सीआरपीसी की धारा 370(4), संगठित अपराध धारा-120 बी, धारा 376 डी के तहत सजा सुनाते हुए एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी दौरान पीड़िता के वकील ने आसाराम सहित सभी आरोपितों से हर्जाने के रूप में एक-एक करोड़ रुपये दिलाने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने तीनों आरोपितों को मिलकर 5 लाख रूपए पीड़िता को अदा करने के निर्देश दिए।

हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे आसाराम के वकील

कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम की वकील नीलम दुबे ने बताया कि आसाराम की सजा स्थगित कराने को लेकर हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सजा स्थगित कराने के साथ ही जमानत की याचिका भी हाईकोर्ट में दायर की जाएगी।

इस तरह चला आसाराम के खिलाफ मामला

- 15 अगस्त, 2013 को जोधपुर के मणाई आश्रम की अपनी कुटिया में आसाराम ने 16 वर्षीय नाबालिग पीड़िता के साथ एक घंटे तक यौन उत्पीड़न किया।

- 19 अगस्त, 2013 को पीड़िता और उसके माता-पिता ने नई दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में देर रात करीब 12 बजे आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की। इस पर रात 1 बजे पुलिस ने पीड़िता का मेड़िकल कराया और रात 2:45 बजे मामला दर्ज किया।

- 20 अगस्त, 2013 को पीड़िता के 164 के बयान कराए गए और जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज कर केस जोधपुर ट्रांसफर कर दिया।

- 21अगस्त, 2013 को जोधपुर पुलिस ने शाम 6 बजे आसाराम के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 342,376,354 (ए ), 506,509 और 134,पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

- करीब एक सप्ताह तक पुलिस ने मामले की जांच की और आसाराम को बयान के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आया।

- 27 अगस्त पुलिस ने इमीग्रेशन सेंटर को लुकआउट सर्कुलर जारी कर आसाराम के देश के देश से बाहर जाने पर रोक लगाई।

- 31 अगस्त, 2013 की देर रात 1 बजे जोधपुर पुलिस की टीम ने आसाराम को इंदौर के आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आसाराम को लेकर जोधपुर पहुंची।

- 1 सितंबर को पुलिस ने आसाराम को जोधपुर सेशन कोर्ट में पेश किया,जहां से एक दिन का रिमांड जारी किया गया।

- 2 सितंबर को पुलिस जांच में साजिश व यौन दुराचार की पुष्टि । कोर्ट ने आसाराम को जेल भेजा।

- 4 सितंबर, 2013 को आसाराम की ओर से सेशन कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की, जो 5 सितंबर को खारिज कर दी गई।

- 16 सितंबर,2013 को आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया।

- 10 अक्टूबर,2013 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की गई, लेकिन कोई ने जमानत देने से इंकार कर दिया।

- 6 नवंबर,2013 को पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया,जिस पर 29 नवम्बर को कोर्ट ने प्रसंज्ञान लिया। पुलिस ने 1012 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश की। इसमें 121 दस्तावेज और 58 गवाहों के बयान संलग्न किए गए।

- 10 फरवरी, 2014 को हाईकोर्ट ने आसाराम की ओर से लगाई गई जमानत याचिका फिर खारिज कर दी।

- 14 फरवरी, 2014 को कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी आसाराम और सह आरोपी शिवा, शिल्पी, शरद, प्रकाश के खिलाफ आरोप तय किए गए।

- 19 मार्च, 2014 से 6 अगस्त 2016 तक अभियान पक्ष ने अपनी तरफ से 44 गवाहों की गवाही कराई। इसके साथ ही 160 दस्तावेज पेश किए।

- 4 अक्टूबर,2014 को आसाराम के मुल्जिम बयान दर्ज किए गए।

- 22 नवंबर, 2016 से 11 अक्टूबर, 2017 तक बचाव पक्ष ने 31 गवाह के बयान दर्ज कराने के साथ ही 225 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए।

- 30 जनवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर दायर की गई जमानत याचिका भी खारिज की दी।

सुप्रीम कोर्ट में 3 बार जमानत याचिकाएं दाखिल की गई, लेकिन हर बार खारिज होती रही।

- करीब छह माह तक अंतिम बहस चलती रही। इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने अपने-अपने तर्क पेश किए।

- जोधपुर एससी,एसटी कोर्ट में 7 अप्रैल को बहस पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही।

- 25 अप्रैल को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। उसके साथ दो सह अभियुक्तों को भी सजा सुनाई गई।

- आसाराम 1696 दिन से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है ।

नोट-जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम ने 4 साल 7 महीने में 6 बार सेशन कोर्ट,3 बार हाईकोर्ट और 3 बार सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, लेकिन हमेशा खारिज होती रही।  


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