आसाराम मामलाः तीन मुख्य गवाहों की हो चुकी है हत्या, एक हमले के बाद से गायब
आसाराम को जेल भिजवाने में मुख्य गवाह रहे अमृत प्रजापति की 23 मई, 2014 को राजकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। आसाराम से जुड़े नाबालिग के यौन उत्पीड़न के 56 माह पुराने मामले के दो मुख्य गवाहों की अब तक हत्या हो चुकी है, वहीं एक गवाह पर हमला कर मारने का प्रयास किया गया। एक गवाह बार-बार जगह बदलकर अपनी जान बचाने में जुटा है। इस मामले में जिस -जिसने आसाराम और उसके बेटे नारायण सांई के कारनामों का खुलासा किया, उसे ही हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया। आसाराम को जेल भिजवाने में मुख्य गवाह रहे अमृत प्रजापति की 23 मई, 2014 को राजकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमृत प्रजापति ने कोर्ट व पुलिस में बयान दिया था कि आसाराम यौन शक्ति बढ़ाने की दवाएं लेता है, उसकी अय्याशी का गवाह रहा हूं। दुष्कर्म के बाद आसाराम कहता था कि वह महिलाओं का कल्याण कर रहा है। अमृत प्रजापति ने अपने जैसे आधा दर्जन गवाहों के नाम-पते और सुबूत पुलिस को दिए थे।
इस मामले के दूसरे गवाह कृपाल सिंह की 10 जुलाई, 2015 को शाहजहांपुर में सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह शांहजहांपुर में ही रहता था। कृपाल सिंह ने मृत्यु से पूर्व घायल अवस्था में पुलिस को बयान दिया था कि जोधपुर केस में गवाही देने से आसाराम के साधक अंजाम भुगतने की धमकियां दे रहे थे। आसाराम महिलाओं का शोषण करता था। उसने कोर्ट में बयान दिया था कि शाहजहांपुर का आश्रम पीड़िता के पिता के पैसों से बना है।
साबरमती आश्रम में रसोइये के रूप में काम करने वाले अखिल गुप्ता की 11 जनवरी, 2015 को मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। आसाराम और नारायण सांई की रंगरेलियों को लेकर बयान देने वाला लखनऊ के ठाकुरगंज निवासी राहुल सचान 4 साल से लापता है। राहुल सचान ने बयान दिया था कि आसाराम देशी अंडे और मुर्गा खाता था, यौन शक्ति बढ़ाने की दवाई मंगवाता था, कई लड़कियों का उसने गर्भपात कराया। राहुल सचान आसाराम का पीए था।13 फरवरी, 2015 को वह कोर्ट में गवाही देने आया तो जोधपुर सेशन कोर्ट के बाहर उस पर चाकू से हमला किया गया। इसके बाद से वह गायब है। आसाराम की प्रोटक्ट्स कम्पनी की मार्केटिंग करने वाले पानीपत निवासी महेन्द्र चावला ने बयान दिया था कि आसाराम की साधिकाएं लड़कियों का ब्रेन वॉश कर समर्पण के लिए तैयार करती थी, फिर आसाराम उनका यौन शोषण करता था। ऐसी ही हरकतें नारायण सांई करता था। 13 मई, 2015 को पानीपत में गोली मारकर महेन्द्र चावला की हत्या का प्रयास हुआ था।
इसके बाद से हरियाणा के पानीनत में निगोही रोड़ गांव में रह रहे महेन्द्र चावला की सुरक्षा में पुलिस के पांच सशस्त्र जवान हमेशा तैनात रहते हैं। आसाराम और नारायण सांई के कारनामों का खुलासा करने वाले नरेश को श्रषिकेश में डूबोकर मार दिया गया। वहीं, साधक रेंवाभाई की संदिग्ध दुर्घटना में मौत हो गई। एक साधिका के प्रेमी दिनेश ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जांच में माना कि दिनेश ने आत्महत्या आसाराम के आंतक के भय से की थी। हरियाणा में हिसार निवासी अजय कुमार ने कोर्ट में बयान दिया कि वह आसाराम का सर्मिपत साधक था। उसने भी आसाराम के खिलाफ कई महत्वपूर्ण तथ्य कोर्ट में बताए। अजय की जान को खतरा बना हुआ है और वह काफी समय से सुरक्षा मांग रहा है।