जेल में रातभर बेचैन रहा आसाराम, भोजन भी नहीं किया
कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद आसाराम के चेहरे पर पसीना और आंखों में आंसू आ गए।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। बुधवार को फैसला सुनाए जाने से एक दिन पहले मंगलवार को आसाराम को पूरी रात नींद नहीं आई। वह पूरी रात अपनी बैरक में टहलते रहे। मंगलवार शाम को उनके आश्रम से भोजन आया, लेकिन आसाराम ने भोजन नहीं किया। आसाराम ने बस दो गिलास छाछ ही पी। बुधवार को सजा सुनाए जाने के बाद भी आसाराम ने भोजन नहीं किया। जेल प्रहरियों से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को आसाराम सुबह 4 बजे से ही बैरक में लगी एक कुर्सी पर बैठकर मंत्र जाप करते रहे और बार-बार बोलता रहा, होई है वही जो राम रचि रखा। उधर, जेल में आसाराम ने फैसले की पूर्व संध्या पर आसाराम ने कहा- 'अब भगवान से ही उम्मीद है, होई है वही जो राम रचि राखा।' आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
आसाराम ने पूजा-अर्चना जल्दी ही कर ली और जेल में कोर्ट लगने का इंतजार करता रहा। हालांकि जज मधुसूदन शर्मा के जेल में बने कोर्ट रूम में पहुंचने के बाद आसाराम ने फिर 15 मिनट तक पूजा की। जज के कोर्ट में पहुंचते ही जेलकर्मी आसाराम को कोर्ट में ले जाने के लिए आए तो बोला, पूजा तो ढंग से कर लेने दो और जज को करीब 15 मिनट तक आसाराम का इंतजार करना पड़ा। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद आसाराम के चेहरे पर पसीना और आंखों में आंसू आ गए।
जानकारी के अनुसार, कोर्ट रूम जाने से पहले आसाराम जेलकर्मियों से नाराज भी हुए और झल्लाते हुए बोले, क्या जल्दी है चला जाऊंगा। वहीं, सजा सुनाए जाने के बाद भी उन्होंने जेल में मौजूद पुलिस अधिकारियों व कोर्ट कर्मियों को आंखे दिखाईं। वहीं, जज की तरफ हाथ जोड़कर खड़े रहे। एक बार बोले भी, जज साहब मेरी उम्र का रहम करो।
इधर, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की पीड़िता के पिता को 56 माह की न्याय की लड़ाई के लिए अपने दो ट्रक भी बेचने पड़े। पीड़िता के पिता जोधपुर से दिल्ली तक आसाराम के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ते रहे और आखिरकार अपनी बेटी को न्याय दिलाया।
पीड़िता अपने बयान पर रही कायम, आसाराम की ओर से लगाए अपमानजनक आरोप
यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता उत्तर प्रदेश के शहाजहांपुर की रहने वाली है। आसाराम के समर्थकों ने उसे और उसके परिजनों को बयान बदलने के लिए बार-बार धमकाया, लेकिन वह अपने बयान पर कायम रही। आसाराम की तरफ से लड़की पर अमानजनक आरोप लगाए गए। कहा गया कि मानसिक बीमारी के चलते लड़की की पुरुषों से अकेले में मिलने की इच्छा होती है । 27 दिन तक लगातार बहस के दौरान पीड़िता अपने बयान पर कायम रही। उसने 94 पन्नों में अपना बयान दर्ज कराया।
जेठमलानी और स्वामी भी नहीं दिला सके जमानत
56 माह से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को देश के दिग्गज वकील राम जेठमलानी और सुब्रहमण्यम स्वामी भी जमानत नहीं दिला सके। इन दोनों दिग्गज वकीलों के अतिरिक्त राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील जगमाल सिंह चौधरी, महेश बोड़ा, नीलकमल बोहरा, सज्जनराज सुराणा सहित डेढ़ दर्जन वकील 12 बार आसाराम को जमानत दिलाने का प्रयास कर चुके, लेकिन उनकी याचिका हमेशा खारिज होती रही। पिछले 4 साल 7 महीने में 6 बार सेशन कोर्ट, 3 बार उच्च न्यायालय एवं तीन बार सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाएं लगाई गई,लेकिन हर बार खारिज हो गई।
जानें, किस-किस को जेल में सुनाया गया फैसला
1. दिल्ली की तिहाड़ जेल में इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह और सतवंत सिंह।
2. मुंबई की आॅर्थर रोड़ जेल में आतंकी अजमल आमिर कसाब।
3. हरियाणा की सुनारिया जेल में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम
4. जोधपुर सेंट्रल जेल में बुधवार को नाबालिग के यौन उत्पीडन के आरोपी आसराम, उसके सहयोगी शिल्पी और शरद।
जेल में 4 साल चली थी कोर्ट, बुधवार को एक दिन ही चली
राजस्थान जेल और पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1985 में जेल के वार्ड में स्पेशल टाडा कोर्ट बनी थी। ये 1988 तक चली, तब 375 खाली स्थान समर्थक यहां थे। अब बुधवार को आसाराम के लिए एक दिन जोधपुर सेंट्रल जेल में एससी, एसटी कोर्ट लगी। बुधवार को जिस स्थान पर फैसला सुनाने के लिए खड़ा किया गया, वहीं 1988 में अकाली नेता गुरु चरण सिंह टोहड़ा को फैसला सुनाया गया था।
बेचैनी में बीती आसाराम की शाम
मंगलवार की शाम आसाराम ने अच्छे से खाना नहीं खाया। उनकी शाम काफी बैचेनी में बीती। दिन में भी चेहरे पर तनाव रहा। आसाराम ने कुछ देर सुरक्षाकर्मियों से बात की। बैरक के बाहर भी थोड़ी देर चहलकदमी की।
चार अन्य भी हैं आरोपित
आसाराम के साथ उसके प्रमुख सेवादार शिवा, रसोइए प्रकाश द्विवेदी, वार्डन शिल्पी और एक अन्य साथी शरतचंद्र भी विभिन्न धाराओं में आरोपित बनाए गए हैं।
इंदौर में हुई थी गिरफ्तारी
आसाराम ने धमकाया था, इसलिए पीड़िता ने दिल्ली जाकर 20 अगस्त, 2013 को कमला नगर पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। वहां से केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।
मप्र, उप्र, राजस्थान से जु़ड़ा 15 अगस्त, 2013 का केस
नाबालिग से दुष्कर्म का यह मामला मप्र, उप्र व राजस्थान से जु़ड़ा है। पीड़िता उप्र के शाहजहांपुर की मूल निवासी है। वह मप्र के छिंदवाड़ा के आश्रम में रह कर पढ़ाई कर रही थी। आसाराम पर आरोप है कि उसने पीडि़ता को जोधपुर के पास मनाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और 15 अगस्त, 2013 की रात उससे दुष्कर्म किया।
हो सकती है 10 साल की सजा
आसाराम पर पॉक्सो और अजा-जजा एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर जेल में बंद है।
जोधपुर में धारा 144
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस की छह कंपनियां भेजी गई हैं। शहर में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस होटलों और धर्मशालाओं की सघन चेकिंग कर रही है। राजस्थान में बने आसाराम के आश्रमों को खाली करा लिया गया है।
गुरमीत राम रहीम मामले से केंद्र ने लिया सबक
पिछले साल हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में फैसला आने के बाद पंचकूला में उसके समर्थकों ने हरियाणा व पंजाब में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। इससे सबक लेकर गृह मंत्रालय ने आसाराम के मामले में कोई चूक नहीं करने की ऐहतियाती कार्रवाई शुरू कर दी है। आसाराम के प्रभाव वाले राज्यों को सतर्क कर दिया गया है। इसी कड़ी में राजस्थान, गुजरात व हरियाणा में कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। गृह मंत्रालय तीनों राज्यों के संपर्क में है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है।