Coronavirus: कुवैत से उदयपुर पहुंचे 170 प्रवासी श्रमिक
migrant workers. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच कुवैत से 170 प्रवासी उदयपुर पहुंचे।
उदयपुर, संवाद सूत्र। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच कुवैत से 170 प्रवासी गुरुवार को उदयपुर पहुंचे। उन्हें यहां सिंघानिया विश्वविद्यालय में चौदह दिन के लिए क्वारंटाइन रखा गया है और उसे पूरा करने के बाद वह अपने घर लौट पाएंगे।
संभागीय आयुक्त विकास एस भाले ने बताया कि उदयपुर संभाग से कई लोग कुवैत में रोजगार के लिए गए हुए थे और कोरोना महामारी के बाद पिछले कई दिनों से सरकार को उनके और परिजनों द्वारा स्वदेश लाने की मांग की जा रही थी। ये प्रवासी कुवैत में बतौर श्रमिक नियोजित थे और इनकी परेशानियों को जानकर राज्य सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया और इन्हें ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत गुरुवार को जयपुर लाया गया।
जहां से श्रमिक स्पेशल बसों के माध्यम से गुरुवार सुबह उदयपुर लाकर पद्मपत सिंघानिया विश्वविद्यालय में संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन समस्त प्रवासियों के आवास, भोजन आदि की संपूर्ण व्यवस्थाएं राज्य सरकार की ओर से की जा रही है। इस अवधि में इनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी और क्वारंटाइन पूरा करने से पूर्व उन्हें स्वास्थ्य जांच के बाद ही अपने घर भेजा जाएगा।
चार जिलों के 170 प्रवासी
संभाग के चार जिलों के कुल 170 प्रवासी उदयपुर पहुंचे हैं। जिनमें उदयपुर जिले के 51, डूंगरपुर के 45, प्रतापगढ़ के छह तथा बांसवाड़ा जिले के 68 प्रवासी सम्मिलित हैं। सिंघानियां विश्वविद्यालय में फिलहाल उदयपुर जिले के 34 व उदयपुर में रहने वाले चित्तौड़गढ़ जिले के आठ, प्रतापगढ़ जिले के सात व राजसमंद जिले के दो प्रवासी हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में कोरोना महामारी से गुरुवार को चार लोगों की मौत होने के साथ ही 287 लोग संक्रमित मिले हैं। वहीं, 3077 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में अब तक 379 लोगों की मौत होने के साथ ही 16296 संक्रमित मिले हैं।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरुवार को कहा कि कोरोना जैसी महामारी की रोकथाम के लिए आयुर्वेद विभाग द्वारा आमजन की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए 18 लाख से ज्यादा लोगों को काढ़ा वितरित किया जा चुका है। यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि मई में आयुर्वेद विभाग द्वारा गिलोय रोपण अभियान चलाया गया, जिसमें तहत चार माह में डेढ़ लाख गिलोय के पौधे लगाए गए। इसे इम्यून बूस्टर तो कहा जा सकता है, लेकिन इसे दवा मानना उचित नहीं होगा।