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Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 1160 नए मामले और 15 की मौत

Coronavirus राजस्थान में 1160 पॉजिटिव केस मिलने के साथ ही 15 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 99036 संक्रमित मिल चुके हैं वहीं मृतकों का आंकड़ा 1207 हो गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 10:52 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 1160 नए मामले और 15 की मौत
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 1160 नए मामले और 15 की मौत

जयपुर/जोधपुर, जेएनएन। Coronavirus: राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लागातार बढ़ोतरी होती जा रही है। शुक्रवार को 1160 पॉजिटिव केस मिलने के साथ ही 15 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 99036 संक्रमित मिल चुके हैं, वहीं मृतकों का आंकड़ा 1207 हो गया। एक्टिव केसों की संख्या 15,859 है। शुक्रवार को तीन विधायक दानिश अबरार, अभिनेष महर्षि व कैलाश त्रिवेदी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इससे पहले परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के अतिरिक्त चार विधायक पॉजिटिव मिले थे। पुलिस मुख्यालय में 20 अधिकारी व पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप मच गया। इस बीच, जोधपुुर में एक परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उधर, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की मदद के लिए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित की गई है।

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पिछले कुछ समय से ये शिकायत लगातार मिल रही थी कि कुछ अस्पताल बेड, आइसीयू उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को इधर से उधर घूमने को मजबूर कर रहे हैं। इसी का समाधान हेल्प डेस्क के जरिए किया जाएगा, ताकि मरीज परेशान न हो। उन्होंने कोरोना के साथ ही प्रदेश में बारिश से प्रभावित स्थानों पर जलजनित व मच्छरजनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। डॉ. शर्मा ने मच्छरों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वल गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने व मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर एमएलओ डलवाने के निर्देश दिए।

उन्होंने पीने के पानी की टंकियों में टेमीफोस डलवाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिया हैं। सभी जिलों में हैचरीज का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने व हैचरीज से गम्बूशिया मछलियां तालाब एवं टैंकों में डलवाने के लिए भी कहा है। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को स्प्रे का सुपरविजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मलेरिया, पीएफ रोगी व डेंगू रोगी पाए जाने पर पायरेथ्रम का फोकल स्प्रे रोगी व आसपास के 50 घरों में किया जाएगा। 

जोधपुर में पूरा परिवार कोरोना की चपेट में, नहीं जा सके इकलौते बेटे के अंतिम संस्कार में

जोधपुर में लगातार कोरोना पैर पसार रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के गृहनगर में अस्पताल की सुविधाएं भी लचर आने लगी हैं। सरकारी लचरता के बीच कोरोना का वीभत्स रूप दिखाई दे रहा है। कोरोना का कहर कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा शहर के एक परिवार की स्थिति से लगाया जा सकता है, जहां पूरा परिवार कोरोना के चपेट में है। ऐसे में जवान बेटे की संक्रमण के कारण हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी परिवार के सदस्य नहीं जा सके। संक्रमित होने से बची एकमात्र बेटी व भांजे पर मृतक के दाह संस्कार की जिम्मेदारी आ पड़ी। वहीं, कोरोना की बिगड़ती स्थिति के बाद प्रशासन के हाथ पांव भी अब फूलने लगे हैं। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे शहर के तीनों बड़े सरकारी असपतालो को लेकर प्रशासन ने आनन फानन में मीटिंग आहूत कर जोधपुर की सभी पांच गैस कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया है।

सूर्यनगरी में कोरोना संक्रमितों में गंभीर लक्षणों वाले मरीजों और मौतों की बढ़ती संख्या से हालात विकट हो गए है। जोधपुर निवासी एक परिवार में एक युवती को छोड़ पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया । परिवार के इकलौते 42 साल के जवान बेटे की महात्मा गांधी अस्पताल में मौत हो गयी। मृतक की मां घर पर कोरोना से उबर रही वहीं , पिता एमडीएम अस्पताल कोरोना का इलाज करवा रहे हैं। मृतक की पत्नी संक्रमित होकर होम आइसोलेशन में है। ऐसे में बुजुर्ग व्यक्ति पर कोरोना कहर बन कर टूट पड़ा है। इधर सरकारी अस्पतालों के आलम ये है कि मरीजो की सुध लेने वाला कोई नही है। हालात पहले से और ज्यादा विकट और वीभत्स नजर आ रहे हैं। जोधपुर के अस्पतालों में संसाधन सिकुड़ने लगे हैं । मौतों का आंकड़ा तेजी पकड़ चुका है। सितंबर माह के दस दिन में ही 45 लोग अपनी जान गंवा चुके है और संक्रमितों की संख्या अब रोजाना 200 से अधिक ही आ रही है । अभी तक जोधपुर में 250 से अधिक मौते कोरोना संक्रमण से हो चुकी है वहीं सोलह हजार से अधिक मरीज अभी तक संक्रमित पाए गए है।

प्रशासन ने जोधपुर की सभी पांच गैस कंपनियों का किया अधिग्रहण

जोधपुर के सभी प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी के बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टर शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली पांचों फर्मों का अधिग्रहण कर लिया। इनके तमाम संसाधन अधिग्रहित कर प्रबंधन रीको को सौंप दिया गया है। अब सिर्फ अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर प्राथमिकता से दिए जाएंगे।एम्स और एमजीएच में ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत 6 से 7 गुना बढ़ चुकी है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली सभी फर्म में अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने में असमर्थता जताने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने जोधपुर की पांच फर्म का राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत अधिग्रहण कर लिया। जिला प्रशासन ने गुलजग इंडस्ट्रीज, बासनी की मानेश्वर ट्रेडर्स, बोरानाडा की जोधपुर गैसेज, जोधपुर एयर व महाकालेश्वर ट्रेडर्स का अधिग्रहण किया है। ये सभी फर्म अहमदाबाद से लिक्विट ऑक्सीजन के टैंकर मंगा कर यहां ऑक्सीजन को सिलेंडरों में भरने का काम करती है। प्रशासन के अधिग्रहण के पश्चात इन सभी कंपनियों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर भरने का कार्य पहले के समान ही चलेगा लेकिन, उसके वितरण पर रीको के अधिकारी नजर रखेंगे और प्राथमिकता के साथ सिलेंडर अस्पतालों में भेजे जाएंगे, ताकि अस्पतालों में किसी प्रकार का संकट खड़ा न हो।


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