भारत-पाक के रिश्तों की ट्रेन के आज हुए 10 वर्ष पूरे
भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली एक मात्र ट्रेन (थार एक्सप्रेस) गुरूवार 18 फरवरी को दस वर्ष पूरे करेगी।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली एक मात्र ट्रेन (थार एक्सप्रेस) गुरूवार 18 फरवरी को दस वर्ष पूरे करेगी। वर्ष 2006 में अंतरराष्ट्रीय ट्रेक पर शुरू हुई यह ट्रेन दोनों देशों के बीच आने-जाने वाले यात्रियों के लिए जहां एक ओर सुविधाजनक साधन माना जाता है, वहीं दोनों देशों की रिश्तों की डोर को भी मजबूत करने की कोशिश है। नाम एक, लेकिन ट्रेन दो है एक भारतीय रेलवे की, वहीं दूसरी पाकिस्तान रेलवे की। दस वर्ष से प्रत्येक सप्ताह चलने वाली यह ट्रेन भारत की तरफ से जहां जोधपुर के सब स्टेशन भगत की कोठी से प्रत्येक शुक्रवार रात एक बजे रवाना होकर नॉन स्टॉप मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है, वहीं पाकिस्तान में कराची से रवाना होने वाली 'थार एक्सप्रेस' ट्रेन खोखरापार रेलवे स्टेशन तक का सफर पूरा करती है। खोखरापार बाड़मेर के निकट पाकिस्तान रेलवे का अंतिम स्टेशन है। जोधपुर से मुनाबाव तक पहुंचने वाली ट्रेन जहां 325 किमी. का सफर पूरा करती है, वहीं कराची से खोखरापार तक चलने वाली ट्रेन 377 किमी. का सफर करती है।
भारतीय रेलवे जहां यात्रियों को 210 रूपए का टिकट उपलब्ध कराता है, वहीं पाकिस्तान रेलवे की ओर से टिकट की दर 375 रूपए है, हालांकि इस दर पर कभी भी टिकट नहीं मिलता हमेशा ही यात्रियों को 800 से 1000 रूपए तक देने पड़ते है।
इस ट्रेन से यात्रा करने वालों का कहना है कि दोनों देशों के बीच चाहे कभी भी कितना ही तनाव हो, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त होता है। ट्रेन के कोच लॉक होने के साथ ही खिड़कियों को बुलेटप्रूफ जाली से ढंका जाता है। वहीं प्रत्येक कोच में पांच-पांच सुरक्षा कर्मी, बम निरोधक दस्ता हमेशा तैनात रहता है। यात्रियों की तीन स्तरीय जांच एवं विडीयोग्राफी भी होती है।
हालांकि यह बात जरूर है कि भारतीय रेलवे जहां यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखता है, वहीं पाकिस्तान की ओर आने वाली ट्रेन में यात्री परेशान ही रहते है। पाकिस्तान की थार एक्सप्रेस में ना तो पानी उपलब्ध होता है और ना ही टॉयलट का सही बंदोबस्त है। वहीं भारतीय रेलवे की ओर से पानी की बोतल उपलब्ध कराई जाने के साथ ही ट्रेन में साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दिया जाता है। भारतीय रेलवे जोधपुर मंडल के पीआरओ गोपाल शर्मा का कहना है कि भगत की कोठी से रवाना होने से पूर्व टे्रन के यात्रियों की सुविधाओं को चैक किया जाता है ओर फिर रास्ते में प्रत्येक बोगी में रेलवेकर्मी भी साथ रहते है।
सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दू सिंह सोढ़ा ने बताया कि राजस्थान के कई जिलों में पाकिस्तानी हिन्दु परिवारों के साथ रिश्तेदारी के सम्बन्ध है। वहीं कई पाकिस्तानी हिन्दू निरंतर धार्मिक यात्रा पर भारत आते रहते है, इनके लिए यह ट्रेन काफी उपयोगी साबित हो रही है।