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चिता के धुएं के साथ 'उड़ता पंजाब'

बॉलीवुड स्टार शाहिद कपूर की फिल्म उड़ता पंजाब पर हुए बवाल किसी को भूला नहीं और न ही किसी राजनीतिक पार्टी को नशे के झटके भूल पाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 12:46 AM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:16 AM (IST)
चिता के धुएं के साथ 'उड़ता पंजाब'
चिता के धुएं के साथ 'उड़ता पंजाब'

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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बॉलीवुड स्टार शाहिद कपूर की फिल्म 'उड़ता पंजाब' पर हुए बवाल किसी को भूला नहीं और न ही किसी राजनीतिक पार्टी को नशे के झटके भूल पाए हैं।

विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिदर सिंह ने नशे को मुद्दा बनाकर जीता था। अब कैप्टन सरकार को नशे के मुद्दे पर सभी सियासी पार्टियां घेर रही हैं। पंजाब को नशामुक्त करने के दावों की पोल श्मशानघाट में खुल रही है। यहां पर चिता से उठने वाले धुएं के साथ 'उड़ता पंजाब' देखा जा सकता है।

तरनतारन शहर के एक श्मशानघाट में नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां हेरोइन के टीके तो लगाए ही जाते हैं। साथ ही नशा छोड़ने के लिए सरकार द्वारा बेची जाती ब्रूपोनॉरफिन गोली की ब्लैक भी चरम पर है। सरकारी तौर पर इस गोली का रेट आठ रुपये है, परंतु ये गोली बड़ी आसानी से 90 रुपये में ब्लैक हो रही है।

दैनिक जागरण की टीम ने जब श्मशानघाट का दौरा किया गया तो वहां पर आधा दर्जन के करीब युवा नशे में मस्त थे। कोई हेरोइन के कश लगा रहा था तो कोई बूप्रोनॉर्फिन गोली को पीसकर उसका टीका बनाकर अपने ही रगों में सुई के माध्यम से धकेल रहा था। इतना ही नहीं गांव काजीकोट, पलासौर, जमस्तपुर, ठरू के श्मशानघाट के आसपास नशे करने वाले युवाओं का टोला नजर आया। सरकार द्वारा वर्षो पहले गांव ठरू में नशा छुड़ाओ केंद्र खोला गया था। इस गांव के श्मशानघाट में नशेड़ियों का टोला सारा दिन नशे में चूर दिखाई देता है।

प्लास्टिक का सामान जोड़ने वालीं विभिन्न कंपनियों की ट्यूब जनरल स्टोरों से आम मिल जाती हैं। इस ट्यूब की कीमत 25 रुपये से 65 रुपये तक होती है। जिन नशेड़ियों को हेरोइन और अन्य प्रकार का महंगा नशा नहीं मिलता, वे इस ट्यूब को प्लास्टिक के लिफाफे में डालकर इसे सूंघते हैं। इस ट्यूब को सूंघने से युवा नशे में मस्त हो जाते हैं।

कोडवर्ड पर बिकता है नशा बूप्रोनॉर्फिन की गोली बेचने वालों ने पुलिस प्रशासन से बचने के लिए कोडवर्ड रखा है। इस गोली को दाने का नाम दिया जाता है। इसी प्रकार हेरोइन का कश लगाने वाले युवा जब अपने लिए हेरोइन खरीदने जाते हैं तो इस नाम को जुबान पर नहीं लाते बल्कि ये लोग जब नग बोलते हैं तो बेचने वाला समझ जाता है कि इन्हें क्या चाहिए। खाकी भी है दागदार

नशे पर नकेल कसने के लिए पुलिस भले ही कितने भी दावे करे परंतु कुछ मुलाजिम अभी भी नशे बेचने वाले साथ दे रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों का दावा किया कि मोहल्ला गुरु का खूह, मुरादपुरा, गोकलपुरा, नूरदी अड्डा, मोहल्ला नानकसर, काजीकोट रोड के आसपास रोजाना बड़ी मात्रा में बूप्रोनॉर्फिन गोली के अलावा चिट्टे की पुड़िया बेची जा रही है। कुछ पुलिस कर्मी इस धंधे में शामिल हो चुके हैं। नशा बेचने वाले पुलिस रेड से बचने के लिए ऐसे पुलिस कर्मियों की मदद लेते हैं। बदले में इन्हें मोटी रकम मिल जाती है।

किसी का लिहाज नहीं किया जा रहा : एसएसपी

एसएसपी ध्रुव दहिया कहते हैं कि नशे के मामले में पुलिस किसी का लिहाज नहीं कर रही। सात माह के दौरान बड़ी संख्या में हेरोइन, नशीली गोलियां व टीके बरामद किए गए हैं। नशा करने वाले 33 पुलिस कर्मियों की पहचान कर उन्हें जिले से बाहर भेज दिया गया है। श्मशानघाट में नशा करने वालों और नशा बचने वालों का लिहाज नहीं होगा।


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