Move to Jagran APP

वीर चक्र पाकर गांव लौटे सैनिक तेजिंदर का गर्मजोशी से स्वागत, पिता ने माथा चूम कहा, बेटे पर गर्व है..

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से वीर चक्र प्राप्त करने के बाद वीरवार को तेजिदर अपने गांव पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 06:30 AM (IST)
वीर चक्र पाकर गांव लौटे सैनिक तेजिंदर का गर्मजोशी से स्वागत, पिता ने माथा चूम कहा, बेटे पर गर्व है..
वीर चक्र पाकर गांव लौटे सैनिक तेजिंदर का गर्मजोशी से स्वागत, पिता ने माथा चूम कहा, बेटे पर गर्व है..

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से वीर चक्र प्राप्त करने के बाद वीरवार को तेजिदर अपने गांव पहुंचा। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवन घाटी में दो चीनी सैनिकों को जिदा काबू करने और एक को मौत के घाट उतारने वाले भारतीय सेना की तीन मीडियम रेजिमेंट के हेड कांस्टेबल तेजिदर सिंह का वीरवार को गांव पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। इस मौके भारत माता की जय, हिदूस्तान जिदाबाद के नारे लगाते हुए पिता कश्मीर सिंह ने अपने लाल का जब माथा चूमा तो परिवार के सदस्य भावुक हो गए। 23 नवंबर को तेजिदर को देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने वीर चक्र से नवाजा था।

loksabha election banner

विस हलका तरनतारन के गांव ठरू निवासी कश्मीर सिंह भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। कश्मीर सिंह ने अपने बड़े बेटे तेजिदर को 11 जुलाई 2006 को सेना में बतौर सिपाही भर्ती करवाया था। हेड कांस्टेबल तेजिदर सिंह की ड्यूटी पूर्वी लद्दाख स्थित गलवन घाटी में थी। चीनी सेना के साथ लड़ाई के दौरान 15 जून 2020 को तेजिदर ने दुश्मन देश की फौज का बहादुरी से मुकाबला किया। तेजिदर ने दैनिक जागरण को बताया कि 15 जून को चीनी सेना के साथ हैंड टू हैंड फाइट हुई थी। इसमें उन्होंने दो चीनी सैनिकों को जिदा काबू कर लिया था जबकि एक को अपने हाथों से पानी में डुबोकर मौत की नींद सुला दी। तेजिदर की बहादुरी को देखते हुए उनका नाम राष्ट्रपति सम्मान के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से वीर चक्र प्राप्त करने के बाद वीरवार को तेजिदर अपने गांव पहुंचा। ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। फौज के रिटायर्ड सूबेदार कश्मीर सिंह ठरू ने अपने बहादुर बेटे का माथा चूमते कहा कि मुझे अपने लाल पर गर्व है। माता-पिता की सेवा के लिए लेंगे रिटायरमेंट, युवाओं को सेना में भर्ती होने लिए करेंगे प्रेरित

तेजिदर सिंह ने बताया कि उसके पिता सूबेदार कश्मीर सिंह की सेहत ठीक नहीं रहती। जिसके चलते मैंने सेना से रिटायरमेंट मांगी है। अब मैं अपने पिता और माता की सेवा तो करूंगा ही, साथ ही गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने लिए उनको प्रेरित करूंगा। तेजिदर सिंह की माता कुलवंत कौर, पत्नी जसबीर कौर, बेटे राजबीर सिंह, बेटी अर्पित कौर ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा वीर चक्र मिलने से उनके परिवार का सीना चौड़ा हो गया है। बहादुरी की कहीं नहीं मिलती मिसाल

ग्रामीण मंगल सिंह ठरू कहते हैं कि 2200 की आबादी वाले गांव के 20 से अधिक युवा सेना में तैनात हैं। तेजिदर सिंह ने गलवन घाटी में जो बहादुरी दिखाई, उसकी कहीं मिसाल नहीं मिलती। तेजिदर से प्रेरित होकर गांव के युवाओं को देश की सेवा करनी चाहिए। जिला परिषद मेंबर हरजिदर सिंह विक्की, सरपंच रणजीत सिंह ठरू, निर्मल सिंह, कुलदीप सिंह, जसविदर कौर, परमजीत सिंह, जसबीर सिंह, राजनप्रीत सिंह, मनमीत सिंह, मुखत्यार सिंह, सविदर सिंह, लखविदर सिंह, सुमनजीत सिंह, कंवलजीत सिंह कहते है कि तेजिदर सिंह की बहादुरी की कोई मिसाल नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.